एक चिट्ठी लिखकर वंजारा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह पर पुलिस तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.

शाह की कड़ी आलोचना करते हुए वंजारा ने 10 पन्नों के अपने इस्तीफे में कहा है कि जिन राजनेताओं के आदेशों के पर उन्होंने कार्रवाई की, उन्होंने ही उनके साथ 'धोखा' किया.

वंजारा ने पत्र में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी कड़वी टिप्पणी की है.

अहमदाबाद से वरिष्ठ पत्रकार अजय उमठ ने बीबीसी को बताया, “गुजरात के पूर्व डीआईजी वंजारा ने एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि अमित शाह को बचाने के लिए नरेंद्र मोदी ने अपनी वकील के ज़रिए कहा कि मुकदमा अहमदाबाद से शिफ़्ट होकर मुंबई कोर्ट में चले."

उमठ का कहना है, "वंजारा नाराज़ थे. उन्हें लगा कि चुनाव में फ़ायदा उठाने के लिए और अमित शाह को जेल से बाहर रखने के लिए मोदी ने गुजरात के बाकी 32 अफ़सरों को मुंबई जेल में डाल दिया. जो कानूनी सुविधाएँ मिलनी चाहिए थीं वो नहीं मिल रही थी.”

"वंजारा ने कहा है कि मोदी की वजह से जो अफसर जेल में गए हैं अब मोदी को उनकी जरूरत नहीं है इसलिए वो इस्तीफ़ा दे रहे हैं."

-अजय उमठ, वरिष्ठ पत्रकार

'अब जरूरत नहीं'

अजय उमठ ने बताया, “वंजारा ने कहा है कि मोदी की वजह से जो अफसर जेल में गए हैं अब मोदी को उनकी जरूरत नहीं है इसलिए वो इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उन्होंने ये भी लिखा है कि वो अपनी चुप्पी तोड़ भी सकते हैं. वंजारा ने यहाँ तक कह दिया कि मोदी अमित शाह की धुन पर नाच रहे हैं.”

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में वंजारा 2007 से जेल में है. बाद में उनका नाम कथित तौर पर इशरत जहाँ मामले से भी जोड़ा गया.

सीबीआई ने इस साल इशरत जहाँ मौत मामले में अहमदाबाद में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें वंजारा का भी नाम था.

वरिष्ठ पत्रकार अजय उमठ के मुताबिक इस पत्र का राजनीतिक खामियाजा मोदी को भुगतना पड़ सकता है और मोदी की छवि को नुकसान हो सकता है क्योंकि वंजारा मोदी के काफी विश्वासपात्र माने जाते थे.

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