हादसे की वजह का अब तक नहीं हो सका है खुलासा
गुरुवार को रिपोर्ट मिलने के बाद जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज
सेतु निगम के एमडी ने आंधी-तूफान को बताया वजह

इन पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी
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लखनऊ।
हादसे के बाद वाराणसी गये सेतु निगम के एमडी ने आंधी-तूफान को गार्डर गिरने की वजह बताने वाला हास्यास्पद बयान दिया है। उन्होंने निर्माण कार्य में किसी गड़बड़ी से साफ इंकार किया है। फिलहाल राज्य सरकार उच्चस्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है जिसमें दोषी पाए गये अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर हादसे को लेकर वाराणसी के सिगरा थाने में सेतु निगम के अज्ञात अधिकारियों व कर्मचारियों, पर्यवेक्षण करने वाले अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। हादसे की वजह तलाशने के लिए राज्य सरकार ने दिल्ली से ब्रिज एक्सपर्ट भी बुलाए हैं।

एजेंसी की थी जिम्मेदारी
हादसे को लेकर डीआईजी लॉ एंड आर्डर प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक निर्माण के दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट, डायवर्जन की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की होती है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एजेंसी द्वारा सेफ्टी के मानकों का पालन नहीं किया गया। ट्रैफिक को लेकर कोई एडवाइजरी भी जारी नहीं की गयी। फिलहाल पुलिस घटना से जुड़े साक्ष्य एकत्र कर रही है। इसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू होगा।

एक दिन की सेलरी देंगे कर्मचारी
वहीं वाराणसी से वापस आने के बाद सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हादसे की वजहों पर मंथन किया। बाद में उन्होंने बताया कि सेतु निगम के सभी अधिकारी और कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन देंगे जिसे मृतकों के आश्रितों को वितरित किया जाएगा। साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या द्वारा गठित जांच समिति से 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने को भी कहा।

घटना के मूल कारणों का पता चलेगा
वाराणसी में सेतु निगम के आग्रह पर भी पुलिस ने फ्लाईओवर के नीचे रूट डायवर्जन नहीं किया था वरना हादसे में तमाम लोगों की जान न जातीं। सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल ने बुधवार को यातायात पुलिस को भेजे गए पत्र की प्रतियां मीडिया को भी दिखाई। हालांकि उन्होंने अपने अधिकारियों की लापरवाही भी स्वीकार की है। कहा कि जांच के बाद ही घटना के मूल कारणों का पता चलेगा। आशंका है कि दो दिन पहले आए आंधी-तूफान में पिलर्स की बेयरिंग इधर-उधर हुई और बीम के गिरने का कारण बनी। इसका निरीक्षण किया गया होता तो अफसरों की निगाह इस पर पड़ी होती।

परियोजना प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा
निगम ने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में चार अभियंताओं की टीम भेजी है, जो हादसे के कारण का पता लगाएगी। राजन के अनुसार पुल पर फरवरी में ही बीम तैयार की गई थी। पुल के नीचे आवागमन नहीं होने को लेकर पुलिस को पत्र भी लिखा था। लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। निगम ने डाइवर्जन के लिए दबाव बनाया तो यातायात पुलिस ने उल्टा परियोजना प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया। वहीं दूसरी ओर हादसे से सबक लेकर सेतु निगम ने अब सभी निर्माणाधीन पुलों और फ्लाईओवर की जांच कराने का फैसला किया है। मालूम हो कि वर्तमान में सेतु निगम 183 पुलों का निर्माण करा रहा है।

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