VARANASIचौकाघाट फ्लाइओवर हादसे के छह दिन बाद रविवार तक भी कैंट-लहरतारामार्ग पर निर्माणाधीन फ्लाइओवर के दस बीमों के बीच ब्रेसिंग (बांधना) न होने से हर वक्त हादसे की आशंका बनी हुई है। हालांकि सेतु निगम ब्रेसिंग का काम पूरा करने में जुटा है, लेकिन जांच के नाम पर कई बार पुलिस की रोक-टोक से काम प्रभावित हुआ। यह स्थिति तब है जबकि प्रारम्भिक जांच में बीमों को आपस में न बांधने और कम्पन होने को हादसे की वजह माना गया है। करीब डेढ़ किलोमीटर लम्बे फ्लाइओवर में लहरतारा छोर पर पिलरों के ऊपर बीम को रखा गया है।

15 मई को हुए हादसे के तीसरे दिन बीमों की ब्रेसिंग शुरू हुई, लेकिन कार्यदायी संस्था राज्य सेतु निगम के काफी प्रयास के बावजूद भी अभी तक 80 फीसदी बीमों की ब्रेसिंग हो पाई है। ऐसे में एप्रोच मार्ग पर खतरा बना हुआ है। हालांकि कैंट-लहरतारा मार्ग पर छठवें दिन भी वाहनों का आवागमन बंद रहा। हालांकि पैदल और बाइक सवारों का अाना-जाना लगा हुआ है।

 

मेट्रो की तर्ज पर होगा काम

हादसे से सबक लेते हुए सेतु निगम अपने काम करने का तरीका बदलेगा। अब मेट्रो की तर्ज पर काम होगा। इसके तहत बैरीकेड्स के भीतर निर्माण कार्य में लगे लोग रहेंगे और एप्रोच मार्ग पर आवागमन होगा। अभी तक बैरीकेडिंग के बीच-बीच में कई जगह से निकलने की व्यवस्था थी। कई बार टेम्पो व बाइक चालक बैरीकेड्स को हटाकर वाहन समेत दूसरी पटरी पर चले जाते थे, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से इसे बंद कर दिया गया है। सिर्फ कैंट, रोडवेज समेत कुछ चिह्नित जगहों पर बैरीकेड्स में एक फुट की जगह छोड़ी जाएगी। जिससे लोग पैदल निकल सकें। सुरक्षा के मद्देनजर सेतु निगम एप्रोच मार्ग पर बने गढ्डों की पैचिंग भी करवाएगा।

 

लगे रिफ्लेक्टिव बोर्ड

सेतु निगम ने सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए बैरीकेडस पर रिफ्लेक्टिव बोर्ड लगवा दिए हैं। यह रात के अंधेरे में चमकेगा। जिससे वाहन सवार बैरीकेड्स को देख सकेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर भी कार्ययोजना बन चुकी है। इसके तहत प्रयास होगा कि वाहनों की स्पीड धीमी रहे। ताकि कम्पन ना हो। सेतु निगम के अफसरों ने नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल से बात की है कि इस एरिया को नो ठेला जोन घोषित किया जाय.

 

सेफ्टी, क्वालिटी का रखें ध्यान

कमिश्नरी सभागार में रविवार को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेतु निगम के अफसरों के पेंच कसे। सीएम ने साफ कहा कि फ्लाइओवर निर्माण के दौरान सेफ्टी (सुरक्षा), क्वालिटी (गुणवत्ता) और टाइम (समय) का खास ध्यान रखें। इन तीनों बिन्दुओं पर लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं होगी। सीएम ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से भी कहा कि भविष्य में ऐसे हादसे न हाें। इसका ध्यान रखें।

 

एक नजर

- 5 बीम होते हैं दो पिलर के बीच

- 84 पिलरों का होना है निर्माण

- 15 मई को हुआ था हादसा

- 80 फीसदी बीमों की हो पाई है ब्रेसिंग

 

हादसे के बाद नए सिरे से काम शुरू किया गया है। सेफ्टी का खास ध्यान रखा जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि यह एरिया नो ठेला जोन बने और ट्रैफिक स्लो हो।

एके श्रीवास्तव, जीएम, राज्य सेतु निगम