गली मोहल्लों के दादा की दादागिरी तो आपने बहुत देखी लेकिन आज हम जिस दादा की बात कर रहे हैं उनकी दादागिरी के आगे तो यूपी सरकार झुक गयी। दबंग दादा के आगे सरकार की एक न चली और उन्होंने चुपचाप दादा का लोहा मान लिया। सरकार का पाला किसी ऐसे वैसे दादा से नहीं बनारसी दादा से पड़ा था। क्या आप भी बनारसी दादा की इसी दादागिरी का जलवा देखना चाहते हैं तो आइये हमारे साथ अंदर के पन्नों पर

हर किसी की बांछें खिली, बनारस को मिली 24 घंटे बिजली

रंग लाया दादा का अनशन, सीएम अखिलेश यादव ने बनारस को बिजली कटौती से किया मुक्त

लखनऊ में श्यामदेव राय चौधरी से सीएम की हुई मुलाकात, मिठाई खिलाकर खत्म कराया अनशन

VARANASI: बनारस के इतिहास में सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसके सभी के चेहरे खुशी से खिल गये। बदरंग बेनूर हो चुके चेहरे की रंगत बदली-बदली सी नजर आने लगी। यह सब हुआ शहर के एक 'दादा' की बदौलत। जी हां, दादा की दादागिरी रंग लाई और शहर को ख्ब् घंटे बिजली सप्लाई की सौगात मिली। शहर दक्षिणी विधायक श्यामदेव रायचौधरी 'दादा' शहर के लिए ख्ब् घंटे बिजली लाने के लिए रविवार को लखनऊ गये और लौटे तो उनकी झोली में शहर को बिजली कटौती से मुक्त कराने का फरमान था। सीएम अखिलेश यादव ने दादा को आश्वासन दिया कि उनके शहर में अब बिजली कटौती नहीं होगी। यानि कि शहर को ख्ब् घंटे निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई मिलेगी।

अनशन का दिखा रंग

शहर दक्षिणी विधायक श्यामदेव रायचौधरी दादा पिछले एक हफ्ते से कंपनी गार्डेन में अपने समर्थको के साथ बेमियादी अनशन पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि पीएम के लोकसभा क्षेत्र को ख्ब् घंटे बिजली सप्लाई मिले। यहां की जनता बिजली के बिना त्राहि त्राहि कर रही है। लेकिन सरकार को न तो दादा का अनशन दिखायी दे रहा था और न ही जनता की आवाज ही सुनाई दे रही थी। पांच दिन बीत गये। दादा की हालत बिगड़ती गयी। ब्लड प्रेशर के साथ-साथ वजन भी लगातार घटता जा रहा था। अब एडमिनिस्ट्रेशन के लिए यह अनशन खत्म कराना एक चुनौती बन गयी थी। डीएम प्रांजल यादव धरना स्थल पर पहुंचे। दादा से मुलाकात कर अनशन खत्म करने को कहा। लेकिन दादा तो दादा ठहरे। ख्ब् घंटे बिजली के बिना कहां मानने वाले। तब डीएम प्रांजल यादव ने दादा को सीएम से मिलाने का पासा फेंका और दादा को सीएम से मिलने के लिए उसी समय लखनऊ रवाना कर दिया।

सीएम से हुई मुलाकात तब जाकर बनी बात

दादा को रविवार को ही सीएम से मुलाकात तय थी लेकिन लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचते-पहुंचते काफी रात हो गयी। फिर दादा को स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरा दिया गया। तय हुआ कि सीएम साहब सोमवार को एनेक्सी बिल्डिंग में दादा से मिलेंगे। दादा तो पूरी तरह तैयार थे। नियत समय पर पहुंच गये। उनके साथ सीनियर बीजेपी लीडर लालजी टंडन भी थे। सीएम अखिलेश यादव व पावर कॉरपोरेशन के एमडी एपी मिश्रा की उपस्थिति में बात शुरू हुई। सीएम ने दादा का हाल-चाल पूछा और अनशन खत्म करने को कहा लेकिन दादा ने उनसे भी अपनी बात दोहराई। ख्ब् घंटे बिजली दीजिए तभी अनशन खत्म करूंगा। आजमगढ़ में भरपूर बिजली मिल रही है और बनारस में नहीं मिल रही। ये कैसा व्यवहार?

सीएम ने दिया आश्वासन

सीएम अखिलेश यादव से दादा की तकरीबन फ्0 मिनट तक बातचीत हुई। इसके बाद उन्होंनें संबधित अधिकारियों से ख्ब् घंटे बिजली देने में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछा। फिर दादा ने उनकी बात में हस्तक्षेप किया और कहा कि अधिकारियों से बात चीत में मामला उलझ जायेगा। मैं आपसे सीधा आश्वासन चाहता हूं। सीएम ने दादा की बात का सम्मान किया और अधिकारियों को बनारस के लिए ख्ब् घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया। दादा को मिठाई खिलाकर उनका अनशन भी खत्म कराया।

हालत बहुत थी खराब

शहर में बिजली कटौती का आलम बुरा हो गया था। शेड्यूल तो सिर्फ चार घंटे कटौती का था लेकिन इमरजेंसी कटौती के नाम पर शहर से क्0-क्0 घंटे तक बिजली गुल रहती थी। बिजली नहीं तो पानी नहीं। भीषण गर्मी लोगों की चैन की नींद में बाधक बन रही थी। फिर जब नरेन्द्र मोदी बनारस से सांसद प्रत्याशी हुए तो लोगों को उम्मीद बंधी कि शायद बनारस को बिजली कटौती से मुक्ति मिल जाये। लेकिन नरेन्द्र मोदी के जीतने और पीएम बनने तक प्रदेश में बिजली का संकट और भी बढ़ा और कटौती भी बढ़ गयी। पीएम के लोकसभा क्षेत्र में लोग बिजली के तरसने लगे थे।

वर्जन वर्जन

सीएम अखिलेश यादव ने काशी की जनता का सम्मान किया है। करीब फ्0 मिनट की हमारी बातचीत में ही उन्होंने हमारी मांगों को मान लिया और शहर को ख्ब् घंटे सप्लाई सुनिश्चित कराने का संबधित अधिकारियों को आदेश दिया है। यह मेरी नहीं बनारस की जीत है।

श्याम देव राय चौधरी दादा

इतना आसान भी नहीं है

शहर को बिजली सप्लाई देना इतना आसान भी नहीं है। भले ही लखनऊ कंट्रोल से पूरे दिन शहर को बिजली मिले लेकिन हमारे शहर का डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम इस लोड का संभालने लायक नहीं है। ट्रांसफार्मर्स पहले से ही ओवरलोड की समस्या से जूझ रहे हैं। समय-समय पर लोकल कटौती के जरिये ट्रांसफॉर्मर पर लोड बैलेंस किया जाता है। सीटी जल जाने और दूसरी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

आई नेक्स्ट ने जोर-शोर से उठाया था मुद्दा

शहर को बिजली कटौती से मुक्त कराने के लिए आई नेक्स्ट से सबसे पहले मुहिम शुरू की थी। अपनी खबरों के जरिये आई नेक्स्ट ने ही पीएम नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र को ख्ब् घंटे बिजली कटौती से मुक्त कराने की मांग की थी। दादा के अनशन को भी आई नेक्स्ट में प्रमुखता से स्थान दिया गया था। 'कट रही बिजली लग रहा झटका' हेडिंग से कवर स्टोरी भी पब्लिश की थी जिसमें बिजली न रहने के चलते पब्लिक को हो रही परेशानी के एक हर एंगल को दिखाने का प्रयास किया गया था।