VARANASI

कैंट स्टेशन पर ट्रेनों की लेटलतीफी से पैसेंजर्स को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। ट्रेन के इन्तजार में जहां उन्हें अपना कीमती समय गंवाना पड़ रहा है, वहीं बेकार में उनकी जेब पर बी बोझ भी पड़ रहा है। ट्रेन के इंतजार में खुले में समय बिताने से यात्रियों की सेहत पर भी असर पड़ रहा है। मरीजों का तो और भी बुरा हाल है। ट्रेन में सफर के दौरान उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कैंट स्टेशन के हालात पर गौर करें तो यहां चल रहे डेवलपमेंट वर्क के कारण कहीं बैठने की जगह नहीं बची है। अब ट्रेन लेट होने पर पैसेंजर्स को खुले आकाश में ही समय गुजारना पड़ता है।

 

मरीजों को फजीहत

ट्रेन लेट होने के कारण इलाज के लिए महानगरों की दौड़ लगाने वाले पैसेंजर्स अब अन्य साधनों का सहारा ले रहे है। कैंट सहित आसपास के रेलवे स्टेशन पर कोहरे के दिनों में भी पैसेंजर्स की सुविधा के लिए अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है। मजबूरन इन्हें खुले में ही दिन और रात बिताना पड़ रहा है।

 

हेल्थ यूनिट है फेल

ए ग्रेड का कैंट स्टेशन होने के बावजूद यहां पर हेल्थ यूनिट की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। मौके पर प्राथमिक उपचार न होने के कारण अधिकतर मरीजों की हालत और भी बिगड़ जाती है। बीते सोमवार को स्टेशन पर एक बीमार महिला को पैसेंजर्स की सहायता से मंडलीय हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया।

 

 

सिंगल विंडो के भरोसे इंक्वायरी

ग्रेड वन जंक्शन होने के कारण यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या भी अधिक है। इससे यहां पैसेंजर्स का दबाव भी अधिक रहता है। अब कोहरा और ट्रेन्स के डायवर्जन के चलते पैसेंजर्स को अपने ट्रेन का लोकेशन जानने के लिऐ भी भटकना पड़ रहा है। असल में कैंट स्टेशन पर पूरी इंक्वायरी सिस्टम एक ही विंडो के भरोसे है। वहीं दिव्यांग पैसेंजर के लिए यहां हेल्प डेस्क बनाया गया है लेकिन वह कभी खुलता ही नहीं।

 

 

 

वर्जन

 

पैसेंजर्स की भीड़ को देखते हुए जल्द ही एक्स्ट्रा काउंटर खोलने की व्यवस्था की जाएगी।

रवि प्रकाश चतुर्वेदी, चीफ एरिया मैनेजर