vinod.sharma@inext.co.in

VARANASI: औघड़दानी बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेल पत्र, एक लोटा जल और भक्तों का भाव ही काफी है. फिर भी भक्तों का मन नहीं मानता और वे अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार विशेष भोग और पैसे का दान करते हैं. ऐसे भक्तों की लगातार बढ़ती आस्था के कारण बाबा काशी विश्वनाथ का दरबार बम-बम कर रहा है और इनकम भी डबल हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो दरबार ने पिछले कई साल के रिकार्ड तोड़ दिए हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 में आय डबल यानी 26 करोड़ हो गई.

 

हेल्प डेस्क ने छह करोड़ कमाया

बाबा दरबार में देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए बांस फाटक के पास भव्य हेल्प डेस्क खोला गया है. इसके अलावा नीलकंठ द्वार, सरस्वती फाटक, दशाश्वमेध घाट के पास हेल्प डेस्क शुरू किया गया है. डेस्क द्वारा सुगम दर्शन के लिए टिकट के साथ ही प्रसाद, टीशर्ट, दुपट्टा, रूद्राक्ष, स्मृति चिन्ह भक्तों को उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए 100 से 500 रुपए शुल्क निर्धारित है. कमाई की बात करें तो डेस्क ने छह माह में छह करोड़ से अधिक की आय की है.

 

दक्षिण भारतीय ने तीन लाख दिए

बाबा दरबार की आय बढ़ाने में प्रवासी भारतीय दिवस में आए एनआरआई, कुंभ के पलट प्रवाह का भी विशेष योगदान है. विश्वनाथ धाम कारीडोर को देखने के लिए भक्तों की भीड़ आ रही है. बड़ी संख्या में देश-विदेश में मौजूद बाबा के भक्तों द्वारा आनलाइन डोनेशन दिया गया. दर्शन के लिए आए एक दक्षिण भारतीय ने चेक द्वारा तीन लाख का दान दिया है. इसके अलावा नगदी और धातु के रूप सोना-चांदी भी भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है. इसका परिणाम रहा कि आय का दायरा प्रतिमाह एक करोड़ से बढ़ कर दो करोड़ से भी अधिक का हो गया.

 

मंदिर की आय बढ़ाने की कवायद

मंदिर एसडीएम विनोद सिंह ने बताया कि जल्द ही दर्शनार्थियों के लिए 'गंगा दर्शन' शुरू किया जाएगा. इसके लिए दशाश्वमेध घाट पर गंगा दर्शन गेस्ट हाउस बनाया गया है. वहां दर्शनार्थियों के ठहरने की व्यवस्था की गयी है. एक दिन के रूम किराया 1500 रुपए रखा गया है. इसके अलावा मंदिर से नाविकों को अटैच किया जा रहा है. ये दर्शनार्थियों को गंगा दर्शन कराएंगे. इसके लिए भी शुल्क रखा गया है.

 

मंदिर की आय के साधन

दान, चढ़ावा, दानपात्र, चेक, सोना, चांदी, भंडारा, प्रसाद, दर्शन और आरती के लिए टिकट

कमाई का लेखा जोखा

  • 26 करोड़ की आय हुई है बाबा विश्वनाथ मंदिर की वित्तीय वर्ष 2018-19 में
  • 01 करोड़ की आय पहले हर माह होती थी मंदिर की चढ़ावा आदि से
  • 02 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है पिछले वर्ष में प्रतिमाह
  • 300 रुपये रेट मंदिर की ओर से निर्धारित है मंगला आरती के लिए
  • 500 रुपये रेट मंदिर की ओर से निर्धारित है रूद्राभिषेक के लिए
  • 300 रुपये रेट मंदिर की ओर से निर्धारित है वीआईपी दर्शन के लिए
  • 06 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है मंदिर के हेल्प डेस्क ने पिछले एक साल में
  • 04 हेल्प डेस्क मंदिर की ओर से बांस फाटक, नीलकंठ द्वार, सरस्वती फाटक व दशाश्वमेध घाट के पास खोले गए हैं
  • 100 से 500 रुपये तक का रेट निर्धारित है हेल्प डेस्क पर विभिन्न सामानों के लिए
  • 03 और हेल्प डेस्क एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टैंड पर खोले जाने की तैयारी है
  • 03 लाख रुपये दान किए है पिछले दिनों मंदिर आए एक दक्षिण भारतीय भक्त ने
  • 1500 रुपये रेट निर्धारित किया गया है दशाश्वमेध घाट पर बने गंगा दर्शन गेस्ट हाउस में एक दिन का किराया

 

बाबा के भक्तों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. मंदिर की आय बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट के बाद हेल्प डेस्क रेलवे और बस स्टेशनों पर भी खोला जाएगा. हेल्प डेस्क के जरिए मंगला आरती का टिकट, वीआईपी दर्शन और प्रसाद उपलब्ध कराया जाता है, जो आय का सबसे बड़ा साधन है.

विनोद सिंह, एसडीएम-मंदिर प्रशासन