Scene-1

अस्सी पर स्नानार्थियों की भीड़ जुटी है। कंपकंपाती ठंड में भी गंगा स्नान करके पुण्य की कामना है। ठंड से इनके बचाव के लिए अलाव का कोई इंतजाम नहीं है। स्नान करने के बाद सभी कांपने को मजबूर हो रहे हैं। इस घाट पर हर सुबह सैलानियों की भारी भीड़ होती है लेकिन उनकी सहूलियत के लिए अलाव नहीं है।

 

Scene-2

मैदागिन पर रात में भी काफी भीड़ है। काम की तलाश में आने वाले सर्द हवा झेलते हुए अगली सुबह का इंतजार कर रहे हैं। दूर-दराज से आये माल को गाडि़यों से उतारकर गोदाम तक पहुंचाने वाले भी कांपते हुए काम कर रहे हैं। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए दूसरे शहरों से आये लोग भी ठिठुर रहे हैं क्योंकि इन सबके लिए अलाव का कोई इंतजाम नहीं है।

 

इसके बावजूद नगर निगम की नींद नहीं टूटी

यह दोनों सीन्स यह बताने के लिए काफी हैं कि शहरवासी और बाहर से आने वाले ठंड से कांप रहे हैं, पारा तेजी से गिरता जा रहा और गलन बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद नगर निगम की नींद नहीं टूटी है। भीषण ठंड पड़ने के बाद भी शहर के कई इलाकों में अलाव की प्रॉपर व्यवस्था नहीं हो सकी है। नगर निगम अलाव तो जला रहा है लेकिन कागजों पर।


20 लाख है बजट

सर्दी और ठंड से निबटने के लिए नगर निगम में तकरीबन 20 लाख रुपये का बजट है मगर अधिकारियों और ठेकेदारों के खेल में लाखों की लकडि़यां कागज पर हर साल जल जाती हैं और चौराहों पर अलाव का पता नहीं होता है। राहगीरों के साथ ही रात में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। हालत यह है कि कैंट स्टेशन, काशी स्टेशन, रोडवेज बस स्टेशन, प्रमुख चौराहे और घाटों में से गिनती के जगहों पर अलाव जल रहा है लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं होता है। बाकी पूरा शहर तो ठंड झेलने को मजबूर है। कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने खुद से अलाव की व्यवस्था की है। कोतवाली और दशाश्वमेध व आदमपुर जोन में कुछ चुनिंदा जगहों पर ही अलाव की व्यवस्था की गयी है। वह भी दो-चार लकडि़या रखी गई हैं, वह भी पूरी रात ठंड से बचाने का इंतजाम नहीं कर पा रही हैं। मगर अलाव कहीं नहीं जल रहा है। इसी तरह भेलूपुर जोन में भी अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। वरुणापार इलाके में भी गिनती के चौराहों आशापुर, पंचक्रोशी तिराहे के पास अलाव के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।

 

ठंड को देखते हुए शहर में अलाव का इंतजाम कराया गया है। इसके लिए कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की गयी है। निरीक्षण के लिए अधिकारी शहर में निकलते हैं। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई होगी।

- डॉ। नितिन बंसल, नगर आयुक्त