- सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ की शुरुआत आज से

- घरों से लेकर घाट तक तैयारियों का दिखा जोर

VARANASI

सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ की शुरुआत रविवार से हो रही है। महिलाएं 'नहाय-खाय' के साथ कठिन व्रत का संकल्प लेंगी। व्रत 14 नवंबर, बुधवार को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ पूरा होगा। व्रत के पहले दिन महिलाएं स्नान के बाद सेंधा नमक से बनी लौकी की सब्जी और चावल का सेवन करेंगी। इस दिन व्रती महिलाएं सिर्फ शाम को भोजन ग्रहण करती हैं, जिसमें पका हुआ चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी होती है। इस भोजन को तैयार करने में शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। नहाय खाय के दूसरे दिन सोमवार को 'खरना' की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा। तीसरे दिन मंगलवार को मुख्य व्रत होगा। इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने की परंपरा है। इसके बाद चौथे दिन बुधवार को उगते सूरज को अ‌र्घ्य देने के साथ महिलाओं का महासंकल्प पूरा होगा।

घाटों पर की गयी साफ-सफाई

गंगा के घाटों, सरोवरों और कुंडों पर डाला छठ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। किसी जलाशय या नदी किनारे ही सूर्य को अ‌र्घ्य देने की मान्यता है। इसके चलते घाटों पर साफ सफाई का दौर चलता रहा। शहर के कुंड सरोवरों के अलावा डीएलडब्ल्यू के सूर्य सरोवर में भी डाला छठ का आयोजन किया जाता है। इसके चलते वहां भी साफ-सफाई का दौर चलता रहा। घाटों पर पूजा के लिए अपना स्थान निश्चित करने के लिए भी होड़ रहती है। शनिवार को ही गंगा किनारे लोग पूजा के लिए स्थान घेर लिये थे।