- आदर्श आचार संहिता में अधिक रुपये लेकर चलने पर रहेगी प्रशासन की नजर

- रहें सावधान 50 हजार से ज्यादा कैश लेकर चलने पर देना होगा प्रमाण

2019 लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. चुनाव आयोग से लेकर समस्त छोटी बड़ी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है. देश के अलग-अलग शहरों में होने वाली वोटिंग की तारीख तय होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दिया गया है. अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह आचार संहिता सिर्फ राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों के लिए है तो ऐसा नहीं है. आचार संहिता का पालन जितना राजनैतिक पार्टियों को करना है उतना ही आम लोगों को भी. इस दौरान आपको अपनी जेब बहुत मोटी करके चलना भी भारी पड़ सकता है. यही नहीं आचार संहिता के दौरान कार या बाइक वालों को राजनीतिक पार्टियों का झंडा या स्टिकर लगाना भी महंगा पड़ सकता है.

50 हजार से बढ़ सकती है मुसीबत

दो माह तक देश के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाले चुनावी प्रक्रिया के दौरान कई पार्टियां वोटर्स को लुभाने के लिए उन्हें वोट के बदले नोट का भी प्रलोभन देने का प्रयास करती है. पार्टियां इस तरह की हरकत न कर पाए इसलिए चुनाव आयोग ने लोगों को अपने साथ कैश लेकर चलने की सीमा भी निर्धारित कर दी है. आदर्श आचार संहिता नियम के तहत अधिसूचना जारी होने से मतगणना समाप्ति तक कोई भी व्यक्ति अपने साथ 50 हजार से ज्यादा का कैश लेकर नहीं चल सकता है. अगर ऐसा हुआ तो उसके साथ कार्रवाई हो सकती है.

देना होगा पैसे का सबूत

हालांकि अगर कोई इससे ज्यादा रूपए लेकर चलता भी है तो उसे अपना आई कार्ड के साथ पैसे का सबूत भी देना होगा कि वह इसे कहां, किसके और किस काम के लिए लेकर जा रहा है. यही नहीं इस बीच यदि किसी व्यक्ति के पास 10 लाख रूपए की रकम पकड़ी जाती है तो उसे पुलिस या जिला प्रशासन की टीम जब्त कर लेगी. जिसे तुरंत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद उस व्यक्ति को डिपार्टमेंट को कैश की पूरी डिटेल व सोर्स भी बतानी होगी.

सोशल मीडिया पर भी नजर

इलेक्शन के बीच हर किसी का कोई न कोई अपना पसंदीदा उम्मीदवार और पार्टी होती है, जिसे वह अलग-अलग माध्यमों से प्रमोट भी करता है. प्रमोशन सोशल मीडिया पर भी देखे जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता. आचार संहिता लगे रहने तक उम्मीदवारों के करीबी ऐसा नहीं कर सकते. चुनाव आयोग का इस पर भी नजर रहेगा. आयोग ने विंग की स्थापना की है, जो सोशल मीडिया यूजर्स पर नजर रखेगी. चुनावी प्रक्रिया के दौरान माहौल बिगाड़ने या किसी विशेष के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट करने या कुछ लिखने पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

एक नजर

50

हजार तक पर नहीं होगी कोई कार्रवाई

10

लाख से ज्यादा की रकम हो जाएगी जब्त

2019

तक लागू रहेगी व्यवस्था