वरुथिनी एकादशी हर वर्ष वैशाख के कृष्ण पक्ष में आती है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा—पाठ और व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है, सुख—समृद्धि मिलती है, इस व्रत से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से 10 हजार वर्ष तक किए गए तपस्या का फल प्राप्त होता है।

व्रत का मुहूर्त

इस वर्ष वरुथिनी एकादशी सोमवार को यानी 29 अप्रैल 2019 को रात्रि 22 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और एक दिन बाद 30 अप्रैल को मध्य रात्रि 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि के कारण व्रत और पूजा मंगलवार को होगा। फिर अगले दिन द्वादशी को यानि 01 मई को व्रत का पारण 06 बजकर 44 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट के मध्य किया जा सकेगा।

व्रत एवं पूजा विधि

मंगलवार को एकादशी के दिन सुबह 08 बजकर 15 मिनट से पहले स्नान आदि करके व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद व्रती को भगवान विष्णु की विधिवत पूजन करनी चाहिए। रात्रि में श्री हरि कथा का पाठ, भजन—कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। द्वादशी को पुनः पूजा पाठ करने के बाद व्रती को पारण कर लेना चाहिए।

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