-वासंतिक नवरात्रि के पहले दिन शहर के देवी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

-गृहस्थों ने कलश स्थापित कर देवी का किया आह्वान, गुंजित हुआ मातृ शक्ति का मंत्र

VARANASI शिव की नगरी काशी वासंतिक नवरात्रि के पहले दिन शुक्रवार को शक्ति आराधना के मंत्रों से गुंजित हो उठी। घरों, मंदिरों, मठों से या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता:' के बोल और जगह जगह सुलग रहे धूप और लोहबान के धुएं ने माहौल में भक्ति का रस घोला। शहर के तमाम देवी मंदिरों में आस्था और श्रद्धा का मेला लगा। गृहस्थों ने नौ दिनी व्रत के संकल्प के साथ कलश स्थापित कर देवी का आह्वान किया। कुछ श्रद्धालु सिर्फ पहले और अष्टमी के दिन व्रत की परंपरा का निर्वाह करते हैं। शास्त्रों में नवरात्रि को सर्वदा शुभ मुहुर्त माना गया है। इस मान्यता को ध्यान में रखते हुए लोगों ने अपने कई नये और शुभ कार्यो की शुरुआत की। मांगलिक कार्यो का आरंभ भी आज से शुरू हो गया।

श्रद्धालुओं का उमड़ा रेला

वासंतिक नवरात्रि में नौ गौरियों के दर्शन पूजन की मान्यता है। इस क्रम में पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गायघाट स्थित देवी के मंदिर में दर्शनार्थियों का रेला सुबह से ही उमड़ता नजर आया। दूसरी तरफ श्रद्धालुओं ने नवदुर्गा मंदिरों में शीश नवाने की मान्यता का निर्वाह किया। इस क्रम में अलईपुर स्थित शैलपुत्री देवी के मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर, कमच्छा स्थित कामाख्या देवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। नवरात्रि के पहले दिन विंध्याचल देवी के दर्शन करने वालों के जत्थे भी धाम में शीश नवाने पहुंचे।

खूब बिकी मां की चुनरी

मां को श्रद्धा समर्पित करने के लिए नारियल और चुनरी की खरीदारी जोरदार रही। शहर में नारियल, चुनरी व अन्य पूजन सामग्री की दुकानें सजी हैं। जहां सुबह से ही खरीदारों की भीड़ उमड़ती रही। दुकानदारों ने एक नारियल ख्0 से फ्0 रुपये तक में बेचा। मां के प्रिय फूल गुड़हल की माला के रेट में भी खासी तेजी रही। गुड़हल की एक छोटी माला ख्0 से ख्भ् रुपये तक में बिकी। श्रद्धालु मां की आराधना व्रत रखकर करते हैं। इसके चलते फलाहारी की दुकानों पर भी खरीदारी के लिए भीड़ रही। केला, संतरा, सेब, अंगूर आदि के रेट भी सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़े रहे।