नमस्कार मित्रों, हर व्यक्ति व्यस्त है और प्रयासरत है, अपनी सफलता के लिए। वैसे तो हर व्यक्ति को लगता है कि वह जो कर रहा है, सही कर रहा है और सही दिशा में जा रहा है पर फिर भी जीवन में कहीं न कहीं अटकने की संभावना रहती है। अपने कार्यों में पूरा योगदान देने के बावजूद कई बार हमें संतोषजनक सफलता नहीं मिल पाती है।

ऐसे में क्या हम कभी सजग हुए कि जहां हम रह रहे है, वहां की वास्तु वाइब्स ठीक हैं या नहीं। कहीं उस कारण तो जीवन में असहजता नहीं? अक्सर लोग कहते हैं कि जबसे हम नए घर में आए हैं, तभी से समस्याएं ज्यादा बढ़ गई हैं। या पहले जहां रहते थे वहां काम चलता था पर जबसे नए घर में आए तो नौकरी में दिक्कतें आनी शुरू हो गईं।

1. घर में जब उत्तर से पूर्व दिशा क्षेत्र असंतुलित हो जाता है, तो व्यक्ति के कार्यों में परेशानी आनी शुरू हो जाती है। उसके लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित हो जाते हैं या फैसला लेते समय बहुत सी बातों पर उसका ध्यान जाता ही नहीं है और यह सब उसको बाद में ध्यान आता है।

2. कई बार छोटी-छोटी बातों पर अनावश्यक ही क्रोध आ जाता है, जिससे बनी हुई बात भी बिगड़ जाती है। अच्छे बने हुए रिश्ते भी इन छोटी—छोटी बातों से टूट जाते हैं। उनमें वो मधुरता का भाव नहीं रहता। ऐसे में इस दिशा में बहुत ज्यादा सामान या स्टोरेज घर में न हो। यहां जो भी सामान रखा हुआ हो, वह अस्त-व्यस्त न हो। बहुत साफ-सफाई के साथ रखा हुआ हो, तो अच्छा है।

3. खराब बिजली का सामान घर में हो तो वह ठीक करा दें या हटा दें। ऐसी ही साफ-सफाई का ध्यान दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ भी रखें। यहां स्टोर हो तो ठीक है। पारिवारिक सदस्यों की ऐसी फोटो यहां लगाएं, जिसमें सभी साथ हों।

4. अक्सर लोग जब घर में मांगलिक कार्य करते हैं तो फोटो खिंचवाते हैं ऐसी ही कोई फोटो हो तो अच्छा है। घर के बड़े-बुजुर्गों का शयन कक्ष यहां हो। यहां एक कोने में रोज क्वॉटर्ज और ग्रीन एवेन्चुरिएयन साथ रखें। इससे रिश्तों में और घर की वाइब्स में मधुरता का वातावरण बना रहता है।

5. घर में बेकार पड़ी या बंद घड़ियां न रखें। घर में कहीं कोई ऐसी फोटो या पोस्टर न लगाएं, जिसमें हिंसा का भाव दिखता हो। घर में एक बेहतर वातावरण बनाने के लिए यदि आप फूल, गुलदस्ते लगाते हैं, तो उसे समय-समय पर बदलते रहें क्योंकि मुरझाए हुए फूल भी नहीं रखने चाहिए। फिर वह चाहे गमले में भी लगे हैं, तो हटा देने चाहिए। इनसे भी घर के वातावरण में सकारात्मकता का भाव कम होने लगता है।

6. सुबह या शाम के समय कोई भी सुगंधित धूप-बत्ती जलाएं या ऑयल डिफ्यूजर का उपयोग भी अच्छा वातावरण प्रदान करने में मदद करेगा।

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