पहले गैर-यूरोपीय पोप फ्रांसिस ने फ्राइडे को चर्च की पुरानी परंपरा तोड़ दी. इसे चर्च में बदलावों की जरूरत के हिसाब से शुभ संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. पोप फ्रांसिस जब पहली बार जनता को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने लोहे का वही क्रॉस पहना था, जो वह ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप रहते पहना करते थे.

परंपरा पोप के सोने का क्रॉस पहनने की है. सेंट पीटर्स स्क्वायर पर वेडनेसडे को अपने पहले संबोधन के दौरान उन्होंने लोगों से वही क्रॉस पहने पर मजाक में कहा था, 'कार्डिनलों ने उनके भीतर के उस शख्स को चुना है जो किसी दूसरी दुनिया से आता है.

इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पोप के नाम पर अपना नाम रखने की परंपरा भी तोड़ डाली. जॉर्ज मारियो बर्गोलियो ने अपने लिए 13वीं सदी के उस संत का नाम चुना, जिसने गरीबों की जिंदगी के लिए अमीरों को जमकर कोसा था. पोप फ्रांसिस ने परंपराएं तोड़ने की शुरुआत चुने जाने के कुछ देर बाद ही कर दी थी जब उन्होंने पोप की खास मर्सीडीज में बैठने से इन्कार कर कार्डिनलों के साथ मिनिबस में जाना ही बेहतर समझा था.

अधूरे प्यार ने बनाया पोप

जॉर्ज के बचपन की गर्लफ्रेंड अमैलिया डामोंटी ने दावा किया है कि उन्होंने जॉर्ज के प्रपोजल को ठुकराया था जिसके बाद ही उन्होंने चर्च का रास्ता पकड़ा था. यह पोप का पहला अफेयर था लेकिन इसके बाद उनका दूसरा अफेयर हुआ या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है. पोप की पहली गर्लफ्रेंड के मुताबिक उन्हें पोप बनाने में उनका भी हाथ है. 76 साल की अमैलिया डामोंटी ने थर्सडे रात इस बात का खुलासा किया.

10 लाख लोग जुटेंगे शपथ समारोह में

रोम में पोप फ्रांसिस के शपथग्रहण समारोह में अगले सप्ताह 10 लाख लोगों के शामिल होने की सम्भावना है. उन्हें 19 मार्च को शपथ लेनी है. 19 मार्च को कैथोलिक लोग जीसस क्राइस्ट के पिता के सम्मान में सेंट जोसेफ का समारोह मनाते हैं. सेंट जोसेफ जीसस के पिता थे, वह पेशे से बढ़ई थे. अर्जेंटीना के कार्डिनल जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को पोप इलेक्शन में 115 में से 90 वोट मिले थे.

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