-सर्च कमेटी की अगली बैठक आठ नवम्बर को

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद में स्थाई कुलपति की नियुक्ति का इंतजार लम्बा हो गया है। सैटरडे को हुई सर्च कमेटी की बैठक में कुलपति पद के लिए दावेदारी करने वालों के नामों में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। इससे इस पद के लिए मुकाबला काफी टफ नजर आ रहा है। बैठक पर यूनिवर्सिटी के दिग्गज टीचर्स की भी निगाहें डटी रहीं। वे पल पल की खबर लेने को आतुर रहे।

11 से 17 हो गई संख्या

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति प्रो। ए सत्यनारायण के एमएनएनआईटी स्थित आवास पर सैटरडे को सर्च कमेटी की बैठक हुई। स्थाई कुलपति की तलाश के लिए हुई बैठक में पूर्व में निर्धारित 11 नामों पर विचार किया गया। सूत्रों का कहना है कि कमेटी के मेम्बर्स ने छह और नामों को शामिल किया है जिसमें एक नाम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के साइंस फैकेल्टी से भी है। बाकी नाम बाहर के लोगों के हैं। इस तरह कुल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है।

अगली बैठक में होगा इंटरैक्शन

कमेटी की बैठक में में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और विजिटर नामिनी सखाराम सिंह यादव, पटना हाईकोर्ट के एक्स। चीफ चस्टिस रवि एस धवन और जेएनयू के वाइस चांसलर प्रो। एसके सोपोरी शामिल रहे। पहले तय किया गया था कि बैठक में सभी 11 आवेदकों के साथ इंटरैक्शन होगा। जिसमें वीसी पद के लिए कार्यकुशलता, प्रशासनिक दक्षता, उनकी फ्यूचर प्लानिंग आदि पर बात की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अगली बैठक आठ नवम्बर को बुलाई गई है। जिसमें पद के दावेदार सभी अभ्यर्थियों के साथ इंटरैक्शन होगा।

28 जुलाई 2014 से खाली

गौरतलब है कि 2011 में आए एयू के स्थाई वीसी प्रो। एके सिंह ने मठाधीश शिक्षकों की राजनीति से परेशान होकर 28 जुलाई 2014 को इस्तीफा दे दिया था। उनके जाने के बाद कार्यवाहक वीसी के तौर पर मेडुअल हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रो। एनआर फारुखी ने कार्यभार देखा। जिनके कार्यकाल में 20 सितम्बर 2014 को बुलाई गई कार्य परिषद की बैठक में सर्च कमेटी के लिए दो नाम तय करके मंत्रालय को भेजा गया। बीच में लम्बे समय तक सर्च कमेटी के गठन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में फंसा रहा। जिसमें सदस्यों की योग्यता को चुनौती दी गई। इससे वीसी की नियुक्ति में अच्छा खासा समय व्यतीत हो गया।

तय करना है एक नाम

जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में स्थाई वीसी की खोज अब पूरी होने वाली है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक एयू को वीसी मिल जाएगा। क्योंकि सर्च कमेटी कुछ नाम पर मुहर लगाकर जल्द ही एमएचआरडी को भेजेगी और फिर एमएचआरडी किसी एक के नाम पर चयन के लिए इसे यूनिवर्सिटी के विजिटर यानी भारत के राष्ट्रपति के पास भेजेगी। इस काम में इसलिए भी देरी होने की संभावना कम लग रही है। क्योंकि खुद एमएचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी कई मौकों पर कह चुकी हैं कि एयू को वीसी जल्द मिलेगा।