-मुख्य सचिव के निर्देश के बाद वीडीए ने तेज की कवायद

-गाइडलाइन का इंतजार, पब्लिक को मिलेगी राहत

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वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के एरिया में आने वाली अवैध कॉलोनियां नियमित होंगी। इससे पब्लिक को बड़ी राहत मिलेगी। चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार के निर्देश के बाद वीडीए ने कवायद तेज कर दी है। फिलहाल 2008 की रिवाइज रेगुलाइजेशन पॉलिसी के हिसाब से 210 अवैध कॉलोनियों का सर्वे किया जा रहा है। इनमें जो निर्धारित मानक पर खरी उतरेंगी। उनका रेगुलाइजेशन किया जाएगा। वीडीए अन्य अवैध कॉलोनियों का सर्वे भी करा रहा है। जिससे उनकी स्पष्ट संख्या पता चल सके। अफसरों को शासन की गाइडलाइन का इंतजार है।

रूरल एरिया में संख्या बड़ी

शहर में तो बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां हैं लेकिन आसपास के इलाकों में इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इनका न तो ले आउट वीडीए से पास है और ना ही रहने वाले लोग डेवलपमेंट चार्जेज प्राधिकरण को देते हैं। खासकर शिवपुर से बाबतपुर, सारनाथ एरिया, एनएच-56 पर रामनगर, टेंगरा मोड़ आदि जगहों पर धड़ल्ले से कॉलोनाइजरों और बिल्डर्स ने सैकड़ों कॉलोनियां बनाई हैं।

कृषि भूमि पर कब्जा

वीडीए के आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर अवैध कॉलोनियां कृषि योग्य जमीन पर हैं। ऐसे में नई गाइडलाइन आने पर शासन पहले इन जमीनों को आवासीय भूमि में कन्वर्ट करेगा। रेगुलाइजेशन के लिए कॉलोनी में रहने वाले लोगों को वीडीए की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। नियमितीकरण होने से मिलने वाले विकास शुल्क से वीडीए को करोड़ों का रेवेन्यू मिलेगा। अफसरों के मुताबिक 2001 में कॉलोनी रेगुलाइजेशन पॉलिसी आई। 2008 में इसे रिवाइज किया गया।

अभियान से लगा लगाम

अवैध कॉलोनियों व प्लाटिंग के खिलाफ वीडीए अक्सर अभियान चलाता रहता है। इसका मकसद है कि अवैध निर्माण रुके और नियोजित विकास हो सके। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम सही रहेगा। वहीं लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकेगी। विभाग का दावा है कि अभियान से अवैध कॉलोनियां विकसित होनी कम हुई हैं। इसका कारण है कि कॉलोनियां बनाने से पहले ही प्लाटिंग करते समय ही अभियान चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया जाता है। इसके लिए वीडीए के इंजीनियर सर्वे कर ऐसी जगहों का पता लगाते हैं।

ये हैं मानक

- कॉलोनी या भवन का लेआउट वीडीए स्वीकृत करता है।

- इसके लिए इंजीनियर सर्वे कर रिपोर्ट देते हैं।

- जनसंख्या घनत्व के हिसाब से सुविधाएं होनी चाहिए।

- कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं के लिए डेवलपमेंट चार्ज देना होता है।

हाेनी चाहिए ये सुविधाएं

- रास्ता

- पार्क

- सीवेज सिस्टम

- लाइट

- प्लांटेशन

- ग्रीन बेल्ट

- ओपेन एरिय

ये होंगे फायदे

- बैंकों से लोन लेना सुविधाजनक

- निर्माण को तोड़े जाने का डर नहीं

- मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता

- जीवन की गुणवत्ता में सुधार

एक नजर

- 210 कॉलोनियां हो सकती हैं वैध

- 100 कॉलोनियां वैध हैं

- 26 अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई हुई दो महीने में

- 10 जगह औसतन महीने में कार्रवाई करता है वीडीए

अवैध कॉलोनियों को नियमित करने सम्बंधी गाइडलाइन अगले महीने शासन से आने की उम्मीद है। इसके बाद रेगुलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निर्धारित मानकों के आधार पर ही कॉलोनियां नियमित होंगी। कॉलोनियों का सर्वे कराया जा रहा है।

राजेश कुमार, वीसी, वीडीए