- सीएम के इनॉग्रेशन के 4 महीने बाद निकाला गया टेंडर

BAREILLY:

परसा2ोड़ा में बन कर तैयार ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अप्लीकेंट्स के नए वर्ष टेस्ट लिए जाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। प्राइवेट कंपनी को जि6मेदारी सौंपने के लिए ल2ानऊ मु2यालय ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने टेंडर निकाल दिए हैं। जिस 5ाी कंपनी को टेंडर मिलेगा उनके कर्मचारी टेस्टिंग ट्रैक पर लगे इले1ट्रॉनिक सिस्टम को दे2ोंगे। जबकि, अप्लीकेंट्स का ड्राइविंग टेस्ट लेने का काम आरटीओ के अधिकारी करेंगे।

नहीं हो सका था शुरू

सीएम योगी आदित्यनाथ ने परसा2ोड़ा में बने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का इनॉग्रेशन 3 अगस्त 2017 को किया था, लेकिन अप्लीकेंट्स को कितने न6बर पर पास फेल होना है, टेस्ट देने का मानक 1या होगा और सॉ3टवेयर में टे1िनकल प्रॉ4ल6स सहित तमाम कमियों के चलते अप्लीकेंट्स के टेस्ट लिए जाने की प्रक्रिया नहीं शुरू हो सकी। बीच में आरटीओ के एक साथ 14 अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर होने के कारण 5ाी ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट लिए जाने का काम डिले हो गया।

टेस्ट में पास होने पर ही।

सेंसर टे1िनक ट्रैक पर होने वाले टेस्ट में पास होने के बाद ही अप्लीकेंट्स को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे। 5 हजार स्1वॉयर मीटर में डेढ़ करोड़ की लागत से बने ट्रैक पर एच, ऑफ एस, पार्किंग, यू टर्न, 8, जेब्रा कॉसिंग प्रमु2ा ट्रैफिक सिग्नल बनाए गए हैं। स5ाी सिग्नल पर सेंसर लगा हुआ है। जो कि कंट्रोल रूम से कने1ट किया गया है। ड्राइविंग के वक्त गाड़ी ट्रैक के किनारे पर टच होती है तो सेंसर गलती पकड़कर आगे क6प्यूटर को पास कर देगा। टेस्ट के वक्त दूसरा ड्राइविंग न करे या कोई मदद न करे, इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक शुरू करने के लिए टेंडर निकाला गया है। नए वर्ष से अप्लीकेंट्स के टेस्ट नए ट्रैक पर ही लिए जाएंगे।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन