--एक मिलियन टन का लगेगा स्टील प्लांट, 2500 लोगों को मिलेगा रोजगार

--वेदांता ग्रुप और झारखंड सरकार के बीच हुआ एमओयू

रांची : वेदांता समूह झारखंड में एक मिलियन टन का इस्पात संयंत्र लगाएगा। शुक्रवार को प्लांट की स्थापना को लेकर वेदांता समूह ने झारखंड सरकार के साथ एमओयू किया। वेदांता के आयरन ओर बिजनेस के सीइओ किशोर कुमार और उद्योग निदेशक के। रविकुमार ने करार पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

वेदांता अपने प्लांट के लिए सरायकेला-खरसावां या मनोहरपुर में जमीन तलाश रहा है। कंपनी के सीइओ किशोर कुमार ने बताया कि प्लांट की स्थापना में 1500-1700 करोड़ का निवेश किया जाएगा और इससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2500 लोगों को रोजगार हासिल होगा।

2021 तक धरातल पर

प्लांट 2021 तक धरातल पर उतारने की कंपनी की मंशा है। उन्होंने बताया कि गोवा में कंपनी का आठ लाख टन क्षमता का इस्पात संयंत्र है। झारखंड में इससे बड़ा प्लांट स्थापित किया जाएगा। झारखंड में कंपनी धोबिल आयरन ओर माइंस का इस्तेमाल कच्चे माल के लिए करेगी। यह माइंस सेसा गोवा को आवंटित हुई थी। सेसा गोवा के अधिग्रहण के बाद स्वत: वेदांता का इस पर अधिकार हो गया है। इस माइंस के लिए कंपनी को पीएल भी मिला हुआ है। झारखंड में जमीन अधिग्रहण जैसी समस्या पर उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार के भरोसे पर आए हैं। हमें सरकार से मदद की उम्मीद है। प्लांट की स्थापना के लिए 390 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह ने सरकार की ओर से कंपनी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

आर्सेलर मित्तल से जल्द होगा करार

आर्सेलर मित्तल के झारखंड से पलायन की संभावनाओं पर विराम लगाते हुए उद्योग निदेशक के। रविकुमार ने कहा है कि मित्तल के साथ जल्द ही सेकेंड स्टेज का एमओयू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्सेलर मित्तल उद्योग विभाग के संपर्क में है। उनकी आयरन ओर माइंस को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में स्टेज-2 का क्लीयरेंस लंबित है। एमओयू में विलंब की एक वजह यह भी है। उन्होंने कहा कि एक-दो माह में नए सिरे से कंपनी से करार किया जाएगा। इस कंपनी ने झारखंड में 12 मिलियन टन के इस्पात संयंत्र के लिए 2005 में सरकार से एमओयू किया था। कंपनी के एमओयू की अवधि 2010 में समाप्त हो गई। प्लांट की स्थापना के लिए जरूरी है कि कंपनी सेकेंड स्टेज का एमओयू करे। मित्तल को झारखंड में करमपदा आयरन ओर माइंस आवंटित की जा चुकी है। इसका पीएल सर्वे कंपनी के स्तर से पूरा किया जा चुका है। फारेस्ट का स्टेज-2 क्लीयरेंस मिलने के बाद कंपनी को विधिवत माइनिंग लीज आवंटित कर दी जाएगी।

नहीं आए भूषण स्टील के अधिकारी

उद्योग विभाग और भूषण स्टील के बीच भी शुक्रवार को ही एमओयू होना था। भूषण स्टील के अधिकारियों के नहीं आने के कारण एमओयू को टाल दिया गया।