2004 में हुआ था वीरप्पन का एनकाउंटर

खूंखार डकैत वीरप्पन का 18 अक्टूबर 2004 में एनकाउंटर करने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स STF ने खजाने की तलाश शुरू की थी। एसटीएफ के ने बताया कि हाथी दांत, चंदन तस्करी और किडनैपिंग के जरिए वीरप्पन ने 2.5 से 3 हजार करोड़ की दौलत जमा की थी। इस खजाने को वीरप्पन ने कर्नाटक और तमिलनाडु के बॉर्डर पर पड़ने वाले सत्यमंगलम के घने जंगलों में गड्ढे खोदकर दबाया है। इस इलाके में पैसे जेवरात और अन्य कीमती चीजें जमीन में रखने का चलन भी काफी पुराना है। गांवों वाले बैंक या घर में पैसे रखने की वजाय यही तरीका अपनाते हैं। वीरप्पन और उसके साथियों की मौत हो जाने से 3 हजार करोड़ का खजाना जमींदोज है।

खजाने की हिफाजत करना जानता था वीरप्पन

वीरप्पन का इंटरव्यू लेने वाले तमिल मैगजीन नक्कीरन के एडिटर आर. गोपाल कहते हैं कि खूंखार डकैत अपनी कमाई को बड़ी हिफाजत से रखता था। जंगल के बीचोंबीच कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे खोदे और उनके अंदर अनाज के 500 और 1000 के नोटों के बंडल पॉलिथीन में बंद कर दबाए हैं। ताकि उनमें कीड़े न लगें। वीरप्पन को इस जंगल के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। तब के एसटीएफ चीफ के. विजय कुमार का मानना था कि वह जहां भी गड्ढा खोदकर पैसे दबाता था उस जगह पहचान के लिए अपने कोडवर्ड में कोई निशान जरूर छोड़ता था। वीरप्पन या उसके कुछ खास लोग ही इसे पहचानते थे। ।

5 करोड़ का इनामी था वीरप्पन

एनकाउंटर के बाद एसटीएफ ने वीरप्पन के खजाने की खोज में बड़ा ऑपरेशन चलाया था लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। वीरप्पन ने खजाने के साथ कई हथियार भी उसने जमीन में दबा रहे थे जिन्हें वह जरूरत पड़ने पर बाहर निकालता था। चंदन और हाथी दांतों की तस्करी के लिए कुख्यात वीरप्पन के सिर पर 15 लाख का इनाम था। साल 2002 में कर्नाटक के कृषि मंत्री एच. नागप्पा की हत्या के बाद वीरप्पन पर इनाम बढ़ा कर 5 करोड़ कर दिया गया था।

सत्यमंगलम के जंगलो मे छिपा है वीरप्पन का खजाना

सत्यमंगलम और नागराहोल में वीरप्पन की बादशाहत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वीरप्पन के पकड़ने में 97 पुलिस के जवान खुद उसकी गोलियों का शिकार बने थे। पुलिसवालों के अलावा वीरप्पन पर 184 लोगों की हत्या का भी आरोप था। फॉरेस्ट डिर्पाटमेंट की फाइलों में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, वीरप्पन ने 900 हाथियों का शिकार किया था। तमिलनाडु में कोलाथुर से लेकर पलार तक करीब 80 से 90 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 30 से 40 गांवों में वीरप्पन की तूती बोलती थी। पुलिस की माने तो  वीरप्पन एक निर्दयी, चालाक और खूंखार डाकू था। उसके दिल में केवल दो बेटियों- विद्या और प्रभा के लिए प्यार था। प्रभा मेटटूर के कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएट है।

30 सालों तक तीन राज्यों की पुलिस नहीं पकड़ पाई

साल 2000 में वीरप्पन ने कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार राजकुमार को किडनैप कर लिया था। रिहाई के बदले सरकार को 40 करोड़ की फिरौती देनी पड़ी थी। हाथी दांत और चंदन की तस्करी में उसका नेटवर्क काफी मजबूत था। कहा जाता है कि अमेरिका और चीन तक कई लोगों से उसके लिंक थे। वीरप्पन देश के मोस्टवॉन्टेड अपराधियों में से एक था। जिस पर 15 साल तक 40 लाख का इनाम था। वीरप्पन खूंखार होने के साथ चालाक भी था। 1972 में वह पुलिस के हत्थे चढ़ा था लेकिन बताया जाता है कि तब एक लाख रुपए रिश्वत देकर छूट गया। इसके बाद 30 सालों तक तीन राज्यों के जंगलों में वीरप्पन का आतंक बना था।

मंदिर में लगी है वीरप्पन की मूर्ति

वीरप्पन को पकड़ने के लिए सरकारों ने 734 करोड़ खर्च किए गए थे। कूज मुनिस्वामी वीरप्पन 18 साल कि उम्र से ही अवैध काम करने लगा था। जल्द ही गिरोह का सरगना बन गया, 40 लोग उसके लिए जान तक देने को तैयार थे।अपने गुनाहों के साथ वीरप्पन कट्टाबोमन मूंछों के लिए मशहूर था। उसकी पत्नी भी इन पर फिदा हो गई थी। तमिलनाडु के वेल्लुपुरम में एक मंदिर में वीरप्पन और प्रभाकरन की मूर्ति लगी हैं। आसपास के कई लोग उन्हें नमन करने के लिए आते हैं।दूसरी ओर मुटटूर में वीरप्पन की कब्र मौजूद है। जहां उसकी बरसी पर हजारों लोगों श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। सत्यमंगलम का जंगल 80-100 किलोमीटर एरिया में फैला है। यही वीरप्पन का इलाका था।

29 की उम्र में हुआ था 16 साल की लड़की से प्यार

वीरप्पन ने 1989 में मुत्तुलक्ष्मी को पहली बार देखा था। उस वक्त वह दो भाइयों का विवाद सुलझाने के लिए धर्मपुरी जिले में अपने गांव नेरुपुर जा रहा था। यहां के लोग अक्सर फैसलों के लिए अदालत के बजाय वीरप्पन के पास जाना पसंद करते थे। वीरप्पन ने मुत्तुलक्ष्मी को कावेरी से पानी भरकर लाते देखा। वह मन ही मन मुत्तुलक्ष्मी के प्यार करने लगा था। उस समय वीरप्पन 29 साल का था जबकि मुत्तुलक्ष्मी 16 साल की थीं। वीरप्पन ने मुत्तुलक्ष्मी से कहा था मैं कभी शादी नहीं करना चाहता था लेकिन तुम्हें देखकर फैसला बदल लिया। अगर तुम इनकार करोगी तो ऐसा मौका मेरी जिंदगी में दोबारा कभी नहीं आएगा।

श्री वीरप्पन बोल कर मुख्यमंत्री ने किया था संबोधित

वीरप्पन ने कन्नड़ फ़िल्मों के सुपरस्टार राजकुमार को डोडागजनूर स्थित फार्म हाउस से किडनैप कर लिया था। कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकारों की लंबी कोशिश के बाद राजकुमार को 108 दिन बाद छुडाया जा सका था। राजकुमार को छुडाने के लिए 40 करोड़ की फिरौती दी गई। कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.एम. कृष्णा ने रेडियो पर अपनी अपील में वीरप्पन के लिए बड़े आदर से श्री वीरप्पन शब्द बोले थे।

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