- बेमौसम की बारिश ने बढ़ा दिए सब्जियों के दाम

- दो से दस रुपए तक महंगी हुई सब्जियां, हरी सब्जियां खासी प्रभावित

- गेहूं की फसल को नुकसान होने से महंगी होगी रोटी

LUCKNOW: बेमौसम हुई बारिश और ओले गिरने से सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। अगले हफ्ते शुरू हो रहे नवरात्रि के चलते इस महीने के अंत तक सब्जियों के दाम कम होते नहीं दिख रहे हैं। सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोतरी के बाद कोई भी ऐसी हरी सब्जी नहीं है, जिसके दाम ख्0 रुपये प्रति किलो से कम हो। सिर्फ हरी सब्जियां ही नहीं प्याज भी रूलाने तो तैयार है। थोक मार्केट में इसके दामों में फ्00 रुपये प्रति कुंतल इजाफा हो चुका है। नवरात्रि में सेल कम होने के कारण अभी फुटकर दाम नहीं बढ़े हैं। यानी आपकी थाली अब महंगी होने जा रही है।

सब्जियों में लगी 'आग'

बेमौसम की बारिश से इस माह के अंत तक बाजार में आने वाली स्थानीय हरी सब्जियों लौकी, कद्दू, तरोई, टिंडा व लोबिया की फसल खराब हो गई। फुटकर सब्जी मंडियों में कोई भी सब्जी ख्0 रुपए प्रति किलो से नीचे नहीं है। बाजार में परवल, भिंडी, तरोई 80 से क्00 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं। वहीं, सामान्य सब्जी लौकी और कद्दू ख्ब् से फ्ख् रुपए, पालक और बकला ख्0 रुपए प्रति किलो में बिक रही है। कारोबारियों की माने तो करेला और परवल कोलकाता और भिंडी भुसावल और जलगांव से आ रही है। इसी के चलते अभी इनके दाम चढ़े रहेंगे। खीरे की फसल को नुकसान होने के कारण इस नवरात्रि में इसके लिए भी जेब ढीली करनी होगी।

अन्य फसलों को भी हुआ नुकसान

उत्तर और पश्चिमी भारत में बेमौसम बारिश और ओले गिरने से गेहूं, जौ, लाही व सरसों की फसल चौपट की है। महाराष्ट्र में प्याज को खासा नुकसान हुआ है। बारिश ने हरी सब्जियों के साथ ही अन्य खाद्य उत्पादों को भी महंगा कर दिया है। बारिश और ओलावृष्टि ने दलहनी, तिलहनी, गेहूं और रबी की फसलों के साथ ही प्याज को भी खासा नुकसान पहुंचाया है। प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के नासिक, पूना, अहमदनगर और मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई बारिश और ओलावृष्टि से प्याज की फसल नष्ट हो गई है। इसके साथ ही भंडारण के लिए रखी गई प्याज भी खराब हो गई। ऐसे में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव व पीपलगांव में इसकी आवक घट गई है।

इन मंडियों में आवक घटने और चौतरफा मांग के चलते बीते दो दिनों में इसके भाव में चार सौ रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ गई है। जिसके चलते अन्य राज्यों की मंडियों में भी उछाल आया है। नवीन मंडी के आढ़ती राहुल कुमार के मुताबिक सबसे बड़े प्याज उत्पादक जिले नासिक में चार दिनों पहले प्याज अव्वल दर्जे की प्याज क्ख्00 रुपए प्रति क्विंटल थी। अब इसके दाम क्700 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया। उनकी माने तो आने वाले दिनों में प्याज के दाम में और भी तेजी आएगी। हालांकि, फुटकर बाजार में इस तेजी का खासा असर नहीं दिखाई दे रहा है। इसका कारण नवरात्रि करीब होना है।

- तब कम हो सकते हैं दाम

नवीन मंडी के थोक कारोबारी अमर सोनकर के मुताबिक अगले महीने की शुरुआत में मोहनलालगंज इलाके की भिंडी बाजार में आ जाएगी। इसके अलावा जालौन और हमीरपुर से करेला की आमद शुरु होने पर इसके भाव में गिरावट आएगी। उन्नाव और कानपुर के गंगा किराने की लौकी, टिंडा, तरोई भी जल्द बाजार में दिखाई पड़ने लगेगा।

आम को भारी नुकसान

इस बार आम भी आम लोगों की पहुंच से दूर ही रहेगा। मलिहाबाद के

सब्जियों के दाम रुपए प्रति किलो

सब्जी अब और तीन दिन पहले

टमाटर फ्0 रुपए ख्भ् रुपए

भिंडी 80 रुपए 80 रुपए

शिमला मिर्च म्0 रुपए भ्8 रुपए

बैंगन म्0 रुपए भ्भ् रुपए

तरोई 80 रुपए 70 रुपए

घुइयां 80 रुपए म्भ् रुपए

हरी मटर 70 रुपए म्0 रुपए

लौकी फ्0 रुपए ख्भ् रुपए

केरला 80 रुपए 7भ् रुपए

प्याज ख्8 रुपए ख्भ् रुपए

कद्दू फ्भ् रुपए ख्8 रुपए

फुल गोभी और पत्ता गोभी क्भ् रुपए प्रति पीस अभी कोई बदलाव नहीं

पाण्डेगंज गल्ला मंडल की थोक व्यापारी दीपक अग्रवाल ने बताया कि बारिश का असर दालों पर भी पड़ा है। सोमवार को अरहर की दाल 88 रुपए किलो तक पहुंच गया है जबकि मंडी में इसकी कीमत अभी भी 8भ् रूपए हैं। चने की दाल और उरद की दाल के दाम भी बढ़ गए हैं। चने की दाल में क्00 रुपए प्रति क्विटंल और उरद की दाल में ख्00 रुपए प्रति क्विंटल दाम बढ़े हैं। सिर्फ दाले ही नहीं गेहूं की फसल नष्ट होने के कारण अभी आटे की कीमत भी बढ़ेगी।

आंधी और बारिश के चलते इस बार लखनऊ से सटे आम के तमाम इलाकों में बौर को खासा नुकसान हुआ है। आम के पेड़ो में लगे बौर में नमी आने से हापर और भुनगा रोग लग गया है। मलिहाबाद में आम के डेढ़ सौ पेड़ के मालिक इमरान ने बताया कि सिर्फ यहां ही नहीं कोकोरी के तमाम क्षेत्र भी इससे प्रभावित हैं। हालांकि आम को बचाने के लिए सल्फर और कैराथन दवा का छिड़काव किया गया है। लेकिन खासी फसल नष्ट हो चुकी हैं। लखनऊ के अलावा यहां से आम विभिन्न राज्यों मुम्बई, अहमदाबाद, पंजाब के साथ ही विदेशों तक जाता है। लेकिन इस बार बाहर भेजना भी मुश्किल नजर आ रहा हैं।