-पखवारे भर में आसमान छूने लगा है हरी सब्जियों का दाम
-बढ़े रेट से गड़बड़ाया मध्यमवर्गीय परिवार के घर का बजट
इस समय आप खाने के दौरान महसूस कर रहे होंगे कि थाली से हरियाली गायब है. हरियाली यानी हरी सब्जी. दरअसल चढ़ते तापमान के साथ ही भिंडी, नेनुआ के दाम आसमान छूने लगे हैं. इसमें लौकी, पालक और करेला भी पीछे नहीं हैं. अब तो नींबू और टमाटर भी लाल हो गये हैं. हालत ये हो गयी है कि लोग अब कहने लगे हैं कि दाल रोटी खाएंगे लेकिन सब्जी नहीं बनाएंगे. शहर के पहडि़या, चंदुआ सट्टी, सुंदरपुर और मंडुवाडीह मंडी में सब्जियों के कम आवक से पखवारे भर में ये स्थिति आयी है.
भिंडी, परवल ने मचाई हलचल
गर्मी के हिसाब से हरी सब्जियों के रेट चढ़ गए है. एक तो आवक भी कम है दूसरे किसानों से सीधे माल खरीद फुटकर में बेचने वाले सब्जी विक्रेता महंगाई-महंगाई खेल रहे हैं. पंद्रह दिन पहले जो परवल 30 रुपये किलो में बिक रहा था अब वह 60 रुपये पहुंच गया है. पंद्रह दिन पहले 30 रुपये किलो में बिकने वाली लौकी 40 से 50 रुपये के आस-पास है. 50 रुपये में पांच किलो बिकने वाला नेनुआ अब 20 रुपये किलो में मिल रहा है. इस मामले में भिंडी भी पीछे नहीं है. भिंडी 50-60 रुपये प्रति किलो में बिक रही है. सब्जी खरीद पर घलुआ में मिलने वाला मिर्चा, और धनिया ने तो शतक मार दिया है. सीधे सौ रुपये किलो में बिक रहा है.
सलाद भी हुआ दूर
भोजन के साथ सेहत के लिए फायदेमंद माना जाने वाला सलाद भी आंखे तरेरने लगा है. 20-25 रुपये किलो में मिलने वाले खीरा, गाजर, मूली और चुकंदर का रेट भी डबल हो गया है. ये सब सीधे 40 से 45 रुपये किलो में बिक रहा है. टमाटर का तो पूछिए मत, ये भी लाल होते हुए 60 तक प्रति किलो पहुंच गया है. यही नहीं, चार-पांच रुपये जोड़ा में मिलने वाला नींबू अब 40 रुपये दर्जन में बिकने लगा है. पखवारे भर पूर्व के अंदर यह उछाल आया है.
कचौड़ी-सब्जी में बदला मीनू
शहर की प्रसिद्ध कचौड़ी-सब्जी में भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है. चौक, लक्सा, लंका, नदेसर आदि एरिया में मिलने वाली कचौड़ी के संग सब्जियों के शक्ल बदल गए हैं. अमूमन कोहड़ा, आलू, टमाटर, परवल, पालक, मटर सहित मिक्स सब्जियां मिलती थीं लेकिन अब तो अधिकतर जगहों पर काबली चना और सोयाबीन जैसी सब्जियां खाने को मिल रही है. नेमी ग्राहक टोकते हैं तो दुकानदार यही कहते हैं कि दाम बढ़ गया है सब्जी का.
सब्जी अब पहले
परवल 60 30
भिंडी 50 35
करेला 50 30
लौकी 40 30
बोड़ा 40 20
बैगन 40 20
बिंस 60 35
कटहल 50 40
धनिया 80 60
मिर्चा 80 70
अदरक 100 80
टमाटर 50 30
नेनुआ 20 10
खीरा 40 25
गाजर 40 30
मूली 40 20
गोली फूल पीस 40 15
पत्ता गोभी 30 10
शिमला मिर्चा 50 30
पालक 20 10
(नोट- यह आंकड़ा पंद्रह दिन पहले और अब का फुटकर बाजार से लिया गया है, सभी दाम प्रति किलो में दर्ज है)
सब्जियों का दाम लगातार बढ़ता जा रहा है. ठेले, खोमचे वाले तो लूट ले रहे हैं. सब्जी मंडियों में भी राहत अब नहीं मिल रही है. हरी सब्जी खरीदने में घर का बजट बिगड़ जा रहा है.
ज्योति वर्मा, गृहणी
चंदुआ सट्टी में भी अब सब्जियां महंगी मिलने लगी है. पहले जहां 500 रुपये सब्जी मनमाना होती थी अब 800 रुपये लग रहे हैं. और सप्ताह भर में खत्म भी हो जा रहे हैं.
गौतम पांड्या, खरीदार
सिगरा
सब्जी के रेट आसमान छूते जा रहे हैं. कोई कंट्रोल नहीं रह गया है. मानो जैसे सब्जियों में आग लगी हो. सब्जी के दाम ने किचन का बजट गड़बड़ा दिया है.
सरिता गुप्ता, गृहणी
पहाडि़या
हरी सब्जी के दाम इतने बढ़ गए हैं कि खाना की थाली से प्रमुख सब्जियां जैसे गायब हो गई हो. ऐसा हर मध्यम वर्गीय परिवार के साथ है.
प्रियंका, गृहणी नाटी इमली
किसानों की संख्या मंडी में कम हो गई है. पहले जहां दस हजार किसान चंदुआ सट्टी में आते थे अब वही पांच से छह हजार हो गए है. गर्मियों में सब्जियों की पैदावार कम होने से रेट हाई हुए हैं.
विनोद सोनकर, सब्जी विक्रेता
चंदुआ सट्टी
किसान खुद महंगी सब्जियां दे रहे हैं, कारण कि उन्हें भी महंगी पड़ रही है. हम छोटे दुकानदार भी पांच से दस रुपये प्रति किलो पीछे रखकर बेचते हैं. पंद्रह दिनों के अंदर दाम में बढ़ोत्तरी हुई है.
रविंद्र सोनकर, सब्जी विक्रेता
चंदुआ सट्टी