केस- वन

चकमहमूद निवासी मुकीम मियां ने 13 जनवरी 2014 को ऑटो सुभाषनगर के अवनीश कुमार पांडे से 1,30,000 रुपए खरीदा था। आरटीओ से कागजी कार्यवाही कराने की बजाय दस रूपए के स्टॉम्प ही ऑटो की खरीद लिया। जबकि, आरटीओ के रिकॉर्ड में ऑटो के मालिक पंकज पांडेय ही बना रहा। जब वाहन के परमिट रिन्यूवल का समय आया तो, पंकज ने मुकीम से 50 हजार रूपए की मांग करने लगा। मुकीम अब परमिट रिन्यूवल नहीं होने परेशान है।

केस - टू

फतेहगंज निवासी राजकुमार ने परिवार के भरण पोषण के लिए धौना मीरगंज के रहने वाले महेंद्र पाल से एक ऑटो लिया था। जिसका नंबर है यूपी 25 एटी 6972. राजकुमार ने महेंद्र से ऑटो 1,50,000 रुपए खरीदा था। लेकिन, अब राजकुमार भी ऑटो का परमिट रिन्यूवल कराने के लिए परेशान है। परमिट रिन्यूवल नहीं होने राजकुमार ऑटो को रोड पर नहीं चला पा रहा है। महेंद्र अब राजकुमार को ब्लैकमेल कर रहा है और पैसे की मांग कर रहा है।

केस- थ्री

पिछले महीने मिशन पब्लिक स्कूल की पलटी बस में भी यही लोचा था। जिस व्यक्ति ने नाम पर बस संख्या यूपी 25 जी 9476 थी। उसने किसी और को बस बेच दी। जब 25 स्कूली बच्चों के घायल होने पर आरटीओ ने जिसके नाम पर बस थी। उसको नोटिस जारी की तो नोटिस मिलने पर आरटीओ पहुंचे व्यक्ति का स्टॉम्प दिखाते हुए वाहन किसी और को बेच दिये जाने की बात कही। लेकिन, आरटीओ उसपर 4 लाख रुपए की पेनॉल्टी लगायी थी।

BAREILLY:

आपको ऊपर के केस पढ़कर यह अंदाजा तो हो ही गया होगा कि किस तरह लोग व्हीकल बेचने के बाद लोगों से ब्लैमेलिंग कर रहे हैं। इसलिए व्हीकल खरीदते वक्त सिर्फ स्टांप पर लिखा-पढ़ी करवाने की बजाय आरटीओ पुराने वाहन की प्रोसेस पूरी करते हुए व्हीकल का अपने नाम ट्रांसफर जरूर कर वालें, ताकि व्हीकल के परमिट को रीन्यूवल कराने में आपको दिक्कत न हो और आप ब्लैकमेलिंग का शिकार होने से बच जाएं।

स्टॉम्प के जरिए वाहन की खरीद

दरअसल, वाहन मालिक वाहन बेचने के दौरान आरटीओ से कोई कागजी कार्यवाही नहीं करते हैं। जब कोई वाहन खरीदना चाहता है, तो सिर्फ मार्केट से दस रूपए का स्टॉम्प पर लिखकर वाहन बेचे देते हैं। जब वाहन को खरीदने वाला उसका परमिट रिन्यूवल कराता है तो मामला फंस जाता है। इसके लिए व्हीकल का पुराना मालिक जिसके नाम से आरटीओ में वाहन का रजिस्ट्रेशन है। वह ब्लैकमेलिंग करने लगाता है। परमिट रीन्यूवल कराने के लिए रुपए की डिमांड करने लगता है। फ्राइडे ऑटो एसोसिएशन के सेक्रेटरी गुरुदर्शन सिंह एक पीडि़त को लेकर आरटीओ आरआर सोनी से मिलने पहुंचे हुए थे।

इस तरह की शिकायत आई है। विभाग इसमें क्या कर सकता है। वाहन की खरीद-बिक्री के वक्त ना तो वाहन बेंचने वाला और ना ही वाहन खरीदने वाला आरटीओ को इंफॉर्म करता है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन