- अधिकारियों की मिलीभगत से बिना आईडी देखे ही घूंघट में जुटाया लिया अपने पक्ष में समर्थन

- बिथरी चैनपुर बालीपुर अहमदपुर गांव में कोटेदार बनने के लिए चला घूंघट में समर्थन जुटाने का खेल

BAREILLY:

घूंघट की आड़ में प्रधानी चुनाव में फर्जी वोट पड़ते आपने तो जरूर देखा और सुना होगा। लेकिन, अब कोटेदार बनने के लिए घूंघट का सहारा लिया जा रहा है। हो भी क्यों न अपने फेवर में वोट बढ़ाने का इससे अच्छा कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता हैं। बिथरी चैनपुर ब्लॉक बालीपुर के अहमदपुर गांव में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां पर अधिकारियों के सह पर कोटेदार के लिए खड़ा एक व्यक्ति घूंघट की आड़ लेकर पक्ष में 13 अधिक समर्थक खड़ा कर जीत गया। दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया तो अधिकारी बात सुनने की बजाय बिफर गये। लिहाजा, पीडि़त ने मामले की शिकायत डीएम और एसडीएम से की है।

बिथरी चैनपुर ब्लॉक बालीपुर के अहमदपुर गांव 5 अक्टूबर को कोटेदार के लिए वोटिंग हुआ। एडीओ पंचायत के निगरानी में सारी प्रक्रिया सम्पन्न हुई। गांव के गुरवचन सिंह और सूरज पाल कोटेदार के लिए खड़े हुए थे। जिसके पक्ष में जितने अधिक लोग लाइन में खड़े होंगे उसकी जीत सुनिश्चित की गयी थी। लेकिन, सूरज पाल ने हार जाने के डर से प्रधानी चुनाव की तरह घूंघट का हथकंडा अपनाना उचित समझा। फिर क्या था, घूंघट में खड़ी महिलाओं की एक लंबी लाइन सी लग गयी। यह देख जब गुरचरन सिंह ने विरोध तो जताया, लेकिन उनकी बातें अनसुनीं कर दी गई।

घूंघट में खड़े कर दिए रिलेटिव

गुरवचन ने बताय कि घूंघट में महिलाओं को देख कर उन्होंने आईडी देख कर लाइन में खड़ा होने को कहा। लेकिन, उनके इस तर्क को दरकिनार कर दिया गया। सूरज पाल ने बाहरी और अपने रिलेटिव की महिलाओं को लाइन में खड़ा करवा कर खुद जीत गया। कोटेदार के लिए 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में टोटल 713 लोग एक दूसरे के पक्ष में लाइन में खड़े हुए थे। सूरजपाल और अधिकारियों ने काउंटिंग में भी गड़बड़ी की है। 21 के बाद सीधे 34 कर दिया गया।

और 13 वोट से हार गए गुरवचन

टोटल पड़े 713 वोट में गुरवचन के पक्ष में 350 लोग रहे। सूरज पाल को टोटल 363 लोगों का समर्थन मिला। कोटेदार बनने में हुए इस खेल की शिकायत गुरवचन ने इस बात की शिकायत डीएम पंकज यादव एसडीओ से की है। हलांकि, अभी तक बीडीओ ने अपना प्रस्ताव डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिस के एआरओ रामेश्वर प्रसाद के पास नहीं पहुंची है। रामेश्वर प्रसाद का इस संबंध में कहना है कि इस बात की शिकायत अभी उन्हें नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी।

अभी एआरओ के पास प्रस्ताव नहीं पहुंचा है। प्रस्ताव मिलने के बाद कोई शिकायत आती है, तो उस पर विचार किया जाएगा। यदि, कोई गड़बड़ी हुई है, तो कोटेदार के लिए दोबारा से प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

केएल तिवारी, डीएसओ