इसलिए नहीं आया श्रीदेवी का पार्थिव शरीर

दरअसल, श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने पूरी कोशिश की जा रही है। दुबई में भारतीय दूतावास के अधिकारी लोकल अथॉरिटीस के साथ मिलकर लगातार प्रोसीजर पूरा करने में लगे हैं, लेकिन दुबई के कानून भारत की तुलना में बहुत ज्यादा सख्त हैं। जानकारी के मुताबिक बिना नियमों का पालन किए वहां से किसी भी विदेशी नागरिक के पार्थिव शारीर को वापस नहीं लाया जा सकता है।

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जांच करना कानूनी तौर पर अनिवार्य है

अगर भारत की बात करें तो यहां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते किसी की मौत होती है तो ऐसे में यहां कोई पोस्टमॉर्टम और जांच पड़ताल की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन दुबई में ऐसा नहीं है। अगर दुबई में किसी विदेशी यात्री की मौत होती है तो शव का पोस्टमॉर्टम और मौत की जांच कानूनी तौर पर अनिवार्य है, ताकि मौत की असली वजह पता चल सके।

पुलिस की कागजी प्रक्रिया बहुत लंबी

दुबई में नेचुरल डेथ के मामले में शव को जल्दी वापस कर दिया जाता है, लकिन अननेचुरल डेथ में यह प्रक्रिया लंबी हो जाती है और पुलिस उसकी जांच पड़ताल करने लगती है। बता दें कि वहां पुलिस की कागजी प्रक्रिया भी बहुत लंबी चलती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर पुलिस की मुहर लगती है। पूरी जांच पड़ताल करने के बाद यात्री के देश के दूतावास को इस मामले में जानकारी दी जाती है। इसके बाद दूतावास मृतक का पासपोर्ट कैंसल कर नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी करता है।

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ये भी है अनिवार्य

इतने प्रोसेस से गुजरने के बाद भी कुछ फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होती है। जानकारी के मुताबिक शव को भारत वापस लाने के लिए लेपन का क्लीयरेंस होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं स्थानीय इमीग्रेशन और कस्टम से क्लीयरेंस भी होना चाहिए। इसके अलावा ये भी जांच होती है कि मृतक किसी संक्रामक रोग से पीड़ित तो नहीं था। इन सब प्रक्रिया के बाद शव को वापस लाया जा सकता है।

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