- इविवि प्रशासन ने खड़े किए हाथ, डीएम-एसएसपी से जांच की मांग

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव की सुरक्षा कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने सुनिश्चित कर दी है। कुलपति के आदेश पर चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएस दुबे ने रजिस्ट्रार की सुरक्षा बढ़ा देने का पत्र भी जारी किया है। पीआरओ प्रो। हर्ष कुमार ने बयान जारी करके कहा है कि रजिस्ट्रार की असुरक्षा को लेकर छपी खबरों को कुलपति ने गंभीरता से लिया है।

जातिसूचक गालियां देने का आरोप

इस बाबत डीएम और एसएसपी को लिखे गए पत्र में चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएस दुबे ने सूचित किया है कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि रजिस्ट्रार को अपनी हत्या की आशंका है। लेकिन इस बारे में रजिस्ट्रार ने पहले कभी भी कुलपति या चीफ प्रॉक्टर को सूचित नहीं किया। चीफ प्रॉक्टर ने पत्र में रजिस्ट्रार के साथ अभद्रता का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्हें एक एडवोकेट शैलेन्द्र बहादुर सिंह ने शिकायती पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने सूचित किया था कि रजिस्ट्रार ने उनके साथ अभद्रता की तथा एडवोकेट को जातिसूचक गालियां दी।

हत्या की योजना बनाने वाले को करें ट्रेस

चीफ प्रॉक्टर ने डीएम और एसएसपी से मांग की है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जाए और रजिस्ट्रार की हत्या की योजना बनाने वाले को ट्रेस किया जाए। उधर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के लेटर पैड पर इविवि अध्यापक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रो। आरएस दुबे और इविवि संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ (आक्टा) के अध्यक्ष डॉ। सुनीलकांत मिश्र की ओर से महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि आटा और आक्टा की संयुक्त बैठक विवि के मौजूदा घटनाक्रम के सन्दर्भ में हुई।

चयन समिति को बाधित करने की कोशिश

आटा और आक्टा की संयुक्त बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि रजिस्ट्रार शिक्षक भर्ती के लिए संभावित चयन समितियों को प्रभावित करने के मद्देनजर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। पदाधिकारियों ने कहा है कि रजिस्ट्रार लगातार विवि और महाविद्यालयों के विकास कार्यो में अवरोध पैदा कर रहे हैं। अनेकों मामले में कुलपति के आदेश के बावजूद रजिस्ट्रार के अवरोध के कारण फाइलें अटकी पड़ी हैं। कुलपति के संज्ञान के बगैर सीधे प्रशासन को पत्र लिखने, यूजीसी आडिट रिपोर्ट को विवि के उपर्युक्त निकायों में न रखने को ऑफिसिएल सिक्रेट एक्ट का उल्लंघन बताया गया है। रजिस्ट्रार के पिछले सात माह में किए गए कार्यो की समीक्षा तथा उनसे सभी कार्य वापस लेने की मांग की गई है। पदाधिकारियों ने फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड प्रो। डीसी लाल द्वारा शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर लगाए गए सभी आरोपों को भी निराधार बताया है। डीसी लाल से अध्यापक संघ का लेटर पैड यूज करने पर भी पूछताछ की जाएगी।

आटा कोई भी निर्णय आम सभा और कार्यकारिणी में ही ले सकती है। इस तरह की बैठक परंपरा के विरूद्ध है। मुझे तो बैठक की जानकारी ही नहीं दी गई। रजिस्ट्रार के मामले से आटा का कोई मतलब ही नहीं होना चाहिए। आटा केवल टीचर्स वेलफेयर के लिए है।

-प्रो। आईआर सिद्दीकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आटा

जो लोग रजिस्ट्रार के सात माह के कार्यकाल की समीक्षा की बात कर रहे हैं। क्या वे ये बताएंगे कि कर्नल हितेश लव के पहले जितने भी रजिस्ट्रार आए उनके कार्यकाल में कितना बेहतरीन काम हुआ। पूर्व के रजिस्ट्रार के कार्यकाल की भी समीक्षा हो। शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच होनी चाहिए, हकीकत सामने आ जाएगी।

-प्रो। डीसी लाल, भूतपूर्व संयुक्त सचिव एवं कोषाध्यक्ष आटा

मेरी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुझे ही जानकारी नहीं है। जिस दिन मेरे साथ घटना हुई, उस दिन मैंने विवि प्रशासन को जानकारी दी। लेकिन घटना हो जाने के बाद चीफ प्रॉक्टर पहुंचे। मजबूरी में मुझे पुलिस अधिकारियों को जानकारी देनी पड़ी। यह भर्ती में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए मुझे हटाने का कुचक्र है।

-कर्नल हितेश लव, रजिस्ट्रार