झांसे में फंस गए

हाल ही में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने राज्यसभा में एक बड़ा खुलासा किया है। वैंकेया नायडू का कहना था कि देश में फर्जी कंपनियों के विज्ञापनों की बाढ़ है। ये कंपनियां दवाओं के जरिए कम से कम समय में लोगों को गोरे होने, वजन कम करने जैसे तमाम तरह के लुभावने ऑफर देती हैं ऐसी कंपनियों पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। बड़ी संख्या में लोग इनका शिकार होते हैं। हाल ही में वह खुद इसका शिकार हो गए हैं। उपराष्ट्रपति बनने के बाद वह खुद ही एक कंपनी से ठगी का शिकार हो गए। 28 दिन में वजन घटाने के चक्कर में एक फर्जी विज्ञापन के झांसे में फंस गए थे।

उपराष्‍ट्रपत‍ि बनने के बाद वैंकेया नायडू 28 द‍िन में चले थे दुबले होने,जो हुआ उससे आप भी हो जाएं एलर्ट

कंपनी अमेरिका की

खास बात तो यह है कि इसके लिए उन्होंने एक हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया। इसके बाद भी कंपनी ने उन्हें दवा नहीं दी। इसके बदले कंपनी ने उन्हें एक ईमेल किया, जिसमें असली दवाइयों के लिए एक हजार रुपये और मांगे गए थे। दोबारा पैसे मांगे जाने के बाद उपराष्ट्रपति को धोखाधड़ी का शक हुआ और उन्होंने उपभोक्ता विभाग में शिकायत की। इस दौरान जब इस मामले की जांच हुई तो पता चला कि वह कंपनी अमेरिका की थी। वैंकेया नायडू ने कहा कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ कुछ किया जाना चाहिए।

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आप रहें एलर्ट

ऐसे में आप अब आगे से इन कंपनियों के चक्कर में बिल्कुल न फंसे। सबसे पहले सबसे पहले कंपनी का डोमेन नेम जरूर चेक करें। कंपनी के खरीदारों के रिव्यू और सेलर की रेटिंग को पढ़ लें। इसके अलावा ऑनलाइन किसी तरह का कोई पेमेंट न करें। डायरेक्ट पेमेंट से बचें। पेमेंट करने से पहले कंपनी कहां की है। कैसी है और वह रजिस्टर्ड है या नहीं इस बात को भी अच्छे सर्च जरूर कर लें। किसी भी कंपनी की पड़ताल किए बिना उससे कोई ऐसी-वैसी दवा न मंगाएं। उस दावा का साइड इफेक्ट भी हो सकता है, जिससे आप मुसीबत में आ सकते हैं।

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