पहुंचे थे गाड़ी छुड़ाने

संडे बारादरी में कुछ लोग पहुंचे और एसएचओ सुनील कुमार सिंह प्रताप से मुलाकात की। लोग खुद को गाडिय़ों का मालिक बता रहे थे। उन्होंने एसएचओ से थाना से ही गाड़ी छोडऩे की रिक्वेस्ट की। जब एसएचओ ने जवाब तलब किया तो कोई भी सही जवाब नहीं दे सका। इस पर पुलिस ने सभी के नाम, एड्रेस व मोबाइल नंबर रिकॉर्ड के तौर पर रख लिए हैं। सैटरडे थाना में फिल्मी स्टाइल में हमला करने वाले समर्थकों की संख्या कहीं ज्यादा थी। पुलिस की मानें तो समर्थकों की संख्या करीब 50 से 60 थी लेकिन पुलिस ने जब उन्हें पकडऩे की कोशिश की तो बाकी भागने में कामयाब हो गए और सिर्फ 23 ही पकड़ में आए। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

तो ऐसे काबू में आए

अक्सर बारादरी थाना में कुछ ही पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। अगर ऐसा होता तो 50-60 समर्थको को काबू करना काफी मुश्किल हो जाता और वह पुलिस के साथ कुछ भी कर सकते थे। लेकिन ऐन वक्त पर इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों की मीटिंग ले रहे थे। उस दौरान चौकी इंचार्ज भी मौजूद थे। यही वजह रही कि समर्थकों को कंट्रोल करने में पुलिस को ज्यादा वक्त नहीं लगा।