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Smart Mantra : जिम्मेदारियों से बचने के लिए झूठ का सहारा न लें

By: Chandra Mohan Mishra | Publish Date: Mon, 15 Jul 2019 07:11:24 (IST)
चार कॉलेज के दोस्त थे. एक पूरी रात चारों ने जमकर पार्टी की. दूसरे दिन कॉलेज में चारों की परीक्षा थी. इसके बावजूद किसी ने पार्टी नहीं छोडी. वहीं दूसरे दिन सुबह चारों मिटटी में ब़ुरी तरह से गंदे होकर कॉलेज के डीन के पास पहुंचते हैं. डीन उन्हें देखकर चौंक जाते हैं. चारों उनसे झूठ बोलते हैं कि बीती रात चारों एक करीबी रिश्तेदार की पार्टी में गए थे और वहां से लौटते समय बीच रास्ते में उनकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया. इस वजह से उन्हें पूरे रास्ते गाड़ी खींचते हुए लानी पड़ी. अब सुबह होते होते वह यहां तक पहुंच सके हैं और परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं. वह डीन से उन्हें परीक्षा के लिए कुछ दिन की मोहलत देने की गुजारिश करते हैं. इस पर डीन उन्हें तीन दिन की मोहलत दे देते हैं. तीन दिन बाद जब चारों दोस्त परीक्षा देने पहुंचते हैं तो डीन उनके सामने परीक्षा देने की एक शर्त रखते हैं. वो ये कि चारों दोस्त अलग अलग कक्षाओं में बैठकर परीक्षा देंगे. चारों दोस्त इस बात को मान जाते हैं. कारण होता है कि चारों ने तीन दिन में जमकर पढ़ाई कर ली थी सो किसी को कोई दिक्कत नहीं होने वाली थी. कक्षा में पहुंच कर चारों प्रश्नपत्र देखकर चौंक गए. उसमें मात्र दो ही सवाल थे. पहला था अपना नाम भरो, जो कि मात्र एक नंबर का था और दूसरा सवाल जो पूरे 99 नंबर का था, वह ये था कि उस रात गाड़ी का कौन सा टायर पंचर हुआ था. आगे का दायां वाला या बायां वाला या फिर पीछे का दायां या बायां वाला. इस सवाल का जवाब देने में सारे दोस्‍तों की पोल खुल गई। Learnings: - जीवन की जिम्मेदारियों से बचने के लिए झूठ का सहारा हमेशा परेशानी ही खड़ी करता है. - जीवन की अहम परीक्षाओं को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए, उन्हें बचपने में नहीं टालना चाहिए.
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