LUCKNOW : विधान परिषद में मंगलवार को सरकार की दलील को दरकिनार करते हुए सभापति रमेश यादव ने उसे गोमती रिवर फ्रंट परियोजना की जांच के लिए नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की न्यायिक जांच की रिपोर्ट को सदन में पेश करने का निर्देश दिया। दरअसल सपा के शतरुद्र प्रकाश ने दोनों जांच रिपोर्ट को सदन के पटल पर न रखे जाने पर औचित्य का प्रश्न किया। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि जांच रिपोर्ट में क्या निकला, सदन यह जानना चाहता है। जांच रिपोर्ट छिपायी जा रही है। सरकार के जवाब में नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि गोमती रिवर फ्रंट की त्रिस्तरीय जांच हुई थी। सीबीआई जांच के लंबित रहते पूर्व में हुई जांचों की रिपोर्ट को सदन में पेश करना उचित नहीं होगा। इस बारे में शासन विधायी और न्याय विभाग का परामर्श लेकर ही सदन को सूचित कर सकेगा। उनकी दलील को खारिज करते हुए सभापति ने सरकार को सुरेश खन्ना कमेटी और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की ओर से की गई जांचों की रिपोर्ट को सदन में पेश करने का निर्देश दिया।