- विपक्ष के हंगामे के कारण क्वैश्चंस ऑवर चढ़ा हंगामे की भेंट

- मामला कोर्ट में होने की बात कहकर सरकार ने ठुकराई चर्चा की मांग

>DEHRADUN: नेता सदन के करीबी लोगों से जुड़े कथित वायरल वीडियो पर वेडनसडे को सदन में जमकर हंगामा मचा। चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के विधायक पीठ के सामने वेल में आकर विरोध प्रदर्शन करने के साथ वेल में ही बैठ गए। इस प्रकार से सत्र के तीसरे दिन का क्वैश्चंस ऑवर हंगामे के भेंट चढ़ गया। इधर, हंगामे के बीच ही एक विधेयक पारित हुआ और सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

नियम 310 में चर्चा कराने की मांग

वेडनसडे को सुबह ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय के पुत्र अंकुर के एक सड़क हादसे में असामयिक निधन के शोक का प्रस्ताव सदन के सम्मुख रखा। इसके बाद उन्होंने भारत माता मंदिर के फाउंडर स्वामी सत्यमित्रानंद के गत दिवस निधन हो जाने की जानकारी दी। इसके उपरांत विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने सदन की ओर से निधन की सूचना पर दुख प्रकट किया। समूचे सदन ने दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए शोक प्रकट किया गया। श्रद्धांजलि के बाद जैसे ही क्वैश्चंस ऑवर शुरू होने की घोषणा हुई, विपक्ष ने नेता सदन के करीबियों पर वायरल वीडियो का मामला उठा दिया। उप नेता प्रतिपक्ष व विधायक करन माहरा ने अपनी सीट पर खड़े होकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। कहा, सदन के नेता के करीबियों से जुड़ा होने के कारण मामला बेहद गंभीर है। इससे देशभर में राज्य की बदनामी हो रही है। लीडर अपोजिशन डा। इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि वीडियो में लेन-देन होने की बातें हो रही हैं। उन्होंने इस पर चर्चा की मांग की।

नियम 285 में चर्चा संभव नहीं

विपक्ष की चर्चा की मांग का विरोध करते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्टिंग प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में नियम-285 के तहत इस प्रकरण पर चर्चा संभव नहीं है। विपक्ष की मांग के जवाब में सत्तापक्ष की ओर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान, राजेश शुक्ला, संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, गणेश जोशी, महेंद्र भट्ट आदि विधायकों ने अपनी सीट पर उठकर विरोध जताया। विधायक देशराज कर्णवाल ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस ने प्रश्नकाल में व्यवधान डाला तो वे लीडर अपोजिशन के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष नहीं माना और वीडियो वायरल पर चर्चा की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने वेल पर आ गए। पीठ से लगातार आग्रह के बावजूद विपक्षी विधायक नहीं माने और अध्यक्ष ने 11.52 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12.20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 12.20 बजे सदन की दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर फिर से कांग्रेस के विधायक विरोध करने लगे और विरोध में वेल में आ गए, जहां धरने पर बैठ गए। लीडर अपोजिशन ने भी मामले को कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण से अलग बताते हुए चर्चा की मांग की। इधर, विपक्ष के हंगामे व शोर शराबे के बीच सरकार ने अपने कामकाज निपटाते हुए नियम 300 की सूचनाओं को स्वीकार किया। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने उत्तराखण्ड पंचायती राज्य संशोधन विधेयक 2019 पर सदन से विचार कर पारित करने का अनुरोध किया। जबकि सत्ता पक्ष के विधायक केदार सिंह रावत ने संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष के हंगामे के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। सरकारी कामकाज निपटने के बाद अध्यक्ष ने 12:45 बजे सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।