-ऑनलाइन एफआईआर व्यू न होने पर कोर्ट की फटकार के बाद जागी पुलिस

BAREILLY: कोई भी शख्स घर बैठे एक क्लिक से वेबसाइट व एप के जरिए ऑनलाइन एफआईआर देख सकता है। सीसीटीएनएस योजना के तहत यूपी पुलिस की वेबसाइट पर भी व्यू एफआईआर यानि प्राथमिकी देखें कॉलम में इसकी व्यवस्था है, लेकिन लंबे समय से एफआईआर व्यू ही नहीं हो रही है। थानों की पुलिस इसमें खेल कर रही हैं। वह जघन्य अपराध के ऑप्शन पर ही सभी एफआईआर क्लिक कर यह अपराध कर रही है। जब हाईकोर्ट ने इसको लेकर पुलिस को फटकार लगाई तो अब पुलिस हेडक्वार्टर से सभी थानों को एफआईआर अपलोड करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

सीसीटीएनएस के तहत व्यवस्था

सीसीटीएनएस योजना के तहत सभी थानों में ऑनलाइन एफआईआर, जनरल डायरी, चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट व अन्य काम किए जा रहे हैं। इसी के तहत व्यू एफआईआर का भी ऑप्शन दिया गया है। इसके जरिए कोई भी किसी भी थाने की एफआईआर देख सकता है। पब्लिक भी अज्ञात के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर या शिकायत दर्ज करा सकती है। इसके तहत ही अपराधियों का रिकॉर्ड भी ऑनलाइन किया जा रहा है।

सामान्य एफआईआर पर भी क्लिक

कोर्ट का आदेश है कि रेप जैसे जघन्य अपराधों इस ऑप्शन के तहत प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इससे पीडि़ता की पहचान उजागर हो सकती है। इसके चलते ही एफआईआर दर्ज करते वक्त ही जघन्य अपराध का भी कॉलम आता है। इस पर टिक करने से वह एफआईआर ऑनलाइन शो नहीं होगी, लेकिन थानों की पुलिस इसी के जरिए गड़बड़ी कर रही है। वह सामान्य एफआईआर को भी इसी कॉलम पर टिक कर देती है, जिससे एफआईआर शो ही नहीं होती है।

थानों में भी पुलिस करती है खेल

एफआईआर दर्ज करने और फिर एफआईआर की कॉपी देने में पुलिस का खेल शुरू से ही जारी है। अक्सर थाना पुलिस एफआईआर दर्ज करने के नाम पर पीडि़त से ही रुपए ले लेती है। इस तरह के आरोप लगते रहते हैं। उसके बाद एफआईआर दर्ज होने पर उसकी कॉपी देने पर थानो में तैनात मुंशी व अन्य रुपयों की डिमांड करते हैं। यदि कोई रुपए नहीं देता है तो उनसे जरूरत का सामान भी मंगा लिया जाता है।

अधिकारियों को दी जा रही ट्रेनिंग

अब इसे सुधारने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। रेंज लेवल पर एक एडीशनल एएसपी को लखनऊ बुलाकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जो रेंज के अन्य एएसपी को ट्रेनिंग देंगे। इसी तरह से जिलों से सीओ को ट्रेनिंग दी जाएगी, जो अन्य सीओ को ट्रेनिंग देंगे। थाना स्तर पर मीटिंग कर इस बारे में जानकारी देने के भी निर्देश दिए गए हैं।