- एसएनए में किया गया नाटक द ट्रैप का मंचन

LUCKNOW: एक गेस्ट हाउस दो मर्डर और 6 सस्पेक्ट, इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है नाटक 'द ट्रैप' की रहस्य से भरी कहानी। और, इस कहानी के जादू ने दर्शकों को पूरे वक्त बांधे रखा। नाटक का पहला सीन संगीत नाटक अकादमी के मेन गेट पर हुआ, उसके बाद पूरा नाटक मंच पर हुआ। इस नाटक में मुख्यतिथि के तौर पर एसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन रहे, इसके अलावा पचास पुलिसकर्मियों ने इस नाटक को देखा। योलो हाउस की प्रस्तुति द ट्रैप अगाथा क्रिस्टी की मर्डर मिस्ट्री दि माउस टै्रप से प्रेरित है, जो 1947 में लिखी गई थी। उस कहानी को आज के परिवेश में दिखाया गया। इस नाटक का निर्देशन अनिल कुमार चौधरी ने किया।

हर मेहमान पर शक की निगाह

नाटक में एक नव दंपति जो अपने घर को एक गेस्ट हाउस में बदल देते हैं। गेस्ट हाउस बनने के पहले दिन शहर में एक मर्डर होता है, जिसकी चर्चा पूरे शहर में रहती है। इस दौरान दंपत्ति के घर में जो भी आता है, वह उसे शक की निगाह से देखते हैं। एक इंस्पेक्टर भी तहकीकात करने वहां पहुंचता है, इसी दौरान एक और मर्डर गेस्ट हाउस में हो जाता है। इसके बाद सभी लोग संदिग्ध हो जाते हैं। थ्रिल के बीच नाटक आगे बढ़ता है, जिसमें अंत में कातिल को ढूंढ लिया जाता है। इस्पेक्टर ही अपने बदले की भावना से लोगों को मारता है। सभी कडि़यां अंत में आकर एक ही सूत्र पर मिलती हैं। नाटक में आरजे प्रतीक, सुहिना त्रिपाठी, प्रदीप मणि, मोहित भारद्वाज, देवेश सिंह, कृपा शंकर आदि ने अभिनय किया।