क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : 34वें नेशनल गेम्स घोटाले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. निगरानी का घोटालेबाजों पर शिकंजा कसता जा रहा है. सोमवार को निगरानी की टीम ने 28 करोड़ो से अधिक के घोटाले मामले में नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन सुरेश कलमाडी, मधुकांत पाठक और डायरेक्टर एएसपी प्रसाद से फिर से पूछताछ की. तीन घंटे तक चली पूछताछ के दौरान घोटाले व खेल सामग्री की खरीद में हुई गड़बडि़यों को लेकर कई सवाल निगरानी ने किए. निगरानी ने इन्हें स्पष्ट तौर पर कहा कि वे इस बाबत जल्द से जल्द तमाम जानकारी अवेलेबल कराएं, वरना आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्यों नहीं बनी थी क्रय समिति?

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के एक्स प्रेसिडेंट रहे सुरेश कलमाडी से विजिलेंस की टीम ने कई मामलों में जानकारी मांगी. कलमाडी से पूछा गया कि नेशनल गेम्स के इक्विपमेंट्स की खरीदारी के लिए क्रय समिति का क्यों नहीं गठन किया गया था? आखिर किस बेसिस पर करोड़ों रुपए के इक्विपमेंट्स खरीदे गए? इक्पिमेंट्स की लिस्ट कहां है? गौरतलब है कि झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरके आनंद को भी घोटाले के बाबत पूछताछ के लिए बुलाया गया था, पर विजिलेंस की टीम के सामने हाजिर नहीं हुए.

गांवों के कोच के लिए लगा ट्रेनिंग कैंप

झारखंड गवर्नमेंट, यूनिसेफ और नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में विलेज लेवल कोच ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑर्गनाइज हुआ. स्पो‌र्ट्स फॉर डेवलपमेंट 'मैं हूं चैंपियन' के तहत 12 जिलों में यह प्रोग्राम चल रहा है. छह दिनों के इस प्रोग्राम में ट्रेनर के तौर पर नेहरू युवा केंद्र के सुमित कुमार और असीम भट्टाचार्य मौजूद थे. ट्रेनिंग कैंप में तीस गांवों के कोच शामिल हुए.

डॉ अभय को मिला रिसर्च प्रोजेक्ट

अभय कृष्ण सिंह के रिसर्च प्रोजेक्ट प्रपोजल को यूजीसी का अप्रूवल मिल गया है. रामगढ़ जिले में कोयला ढोने वालों की टॉपिक पर उन्होंने प्रपोजल भेजा था. यूजीसी को मिले 51 प्रपोजल्स में से इनके प्रपोजल को स्वीकार किया गया है. रांची कॉलेज के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के लिए यह पहला मौका है, जब यहां के किसी टीचर को यूजीसी का मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट मिला है.