- तीन साल में मात्र 123 मामले ही पकड़ पाई विजिलेंस

- बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पर रही विजिलेंस

Priyank.moahan@inext.co.in

DEHRADUN

प्रदेश में ऊर्जा विभाग बिजली चोरी रोकने के लाख दावे करे लेकिन, असल बात यह है कि राजधानी समेत पूरे प्रदेश में यूपीसीएल की विजिलेंस विंग बिजली चोरी रोकने में फेल है। स्थिति यह है कि विजिलेंस पिछले साल देहरादून जिले में मात्र भ्क् मामलों को ही पकड़ पाई, वहीं इस साल भी आंकड़े भ्0 के हेर-फेर में ही घूम रहे हैं।

दून में मा˜ा भ्क् मामले

उर्जा प्रदेश उत्तराखंड में बिजली चोरी पर लगाम लगाने में विभाग नाकाम होता नजर आ रहा है। ऐसा नहीं है कि उर्जा विभाग काम नहीं कर रहा। लेकिन जनता का रसूख बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी नतमस्तक होने पर मजबूर कर रहा है। देश भर में उपभोक्ताओं को बिजली देने के मामले में उत्तराखंड शुरुआती पायदान पर है। लेकिन वहीं बिजली चोरी की लगातार बढ़ती घटनाओं के बावजूद कम कार्रवाई ने विभाग को भी सकते में डाल दिया है। लाइन लॉस कम करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती है बिजली चोरी पर लगाम लगाना। जिसमें काफी हद तक विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं। इस मिलीभगत से विभाग भी इनकार नहीं कर रहा है। बिजली चोरी के जो आंकड़े यूपीसीएल ने जारी किये है, वो साफ करते है कि विभाग के ही कुछ कर्मचारी बिजली चोरों के साथ मिलकर सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे है। आपको बता दें कि इस साल तक देहरादून में मात्र भ्क् लोगों पर ही बिजली चोरी की कार्रवाई हो पाई है।

चोरों के रसूखदारी का है डर

यूपीसीएल विजिलेंस के ईई राजीव चक्रवर्ती ने बताया कि राजधानी समेत पूरे प्रदेश में विजिलेंस को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। साथ ही शिकायतों पर विजिलेंस काम भी कर रहा है। लेकिन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले तीन सालों में क्ख्फ् मामले ही राजधानी में विजिलेंस की पकड़ में है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मैदानी इलाकों में बढ़ रही बिजली चोरी की घटनाओं में मिलीभगत होने की वजह से बिजली चोरी मामलों पर रोक नहीं लग पा रही हैं।

राजधानी में विजिलेंस की कार्रवाई

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विजिलेंस लगातार कार्रवाई कर रही है। राजधानी में विशेष अभियान चलाया जाएगा ताकि बिजली चोरी के मामलों को ज्यादा से ज्यादा पकड़ा जा सके।

पीसी ध्यानी, प्रवक्ता एवं डॉयरेक्टर एचआर यूपीसीएल