बढ़ते कर्ज के बोझ को कम करने के लिये किंगफिशर एयरलाइंस अब अपनी लो-कॉस्ट एयरलाइन किंगफिशर रेड को बंद करेगी. कंपनी के चेयरमैन विजय माल्या ने कहा कि वे लो-कॉस्ट एयरलाइन सेगमेंट में बढ़ते कंपीटिशन में मार्जिन नहीं जुटा पा रहे हैं और इसलिये उन्होने यह डिसीजन लिया है. 

माल्या की मानें तो किंगफिशर एयरलाइंस की फुल सर्विस एयरलाइंस का लोड फैक्टर बढ़िया है और ऐसे में लो-कॉस्ट एयरलाइंस चलाना समझदारी नहीं है. उनके मुताबिक इस तरीके से कर्ज को कम करने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस बाजार से पैसे जुटाएगी.

इसके साथ ही कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने 2,000 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दे दी है. इसके पहले कंपनी के जीडीआर इश्यू को भी मंजूरी मिल चुकी है.

बेचेंगे aircrafts

विजय माल्या ने यह भी कहा कि कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए एयरक्राफ्ट्स भी बेचे जाएंगे और किराए पर दिये जाएंगें. फिलहाल किंगफिशर एयरलाइंस रिलायंस इंडस्ट्रीज से जेट फ्यूल खरीद रही है. 

Libya बना संकट

माल्या के मुताबिक लीबिया में जारी संकट के चलते कंपनी की लागत काफी बढ़ गई है. तेल की बढ़ती कीमतों का असर सीधे तौर पर कंपनी के बिजनेस पर पड़ रहा है.  कंपनी में 40 फीसदी लागत अकेले तेल पर आती है. अगर तेल की कीमतें ऐसे ही बढ़ी तो एअरलाइन कंपनियों को रेट भी बढ़ाने ही होंगे.

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