-कलश और मां दुर्गा की प्रतिमाएं विसर्जित

-60 स्थानों पर हुई थी सामूहिक चैती दुर्गा पूजा

-महिलाओं ने खेली सिंदुर की होगी, अमर सुहाग की कामना

JAMSHEDPUR: चैती दुर्गा पूजा का शनिवार को समापन हो गया। भक्तों ने मां दुर्गा को विदाई दी। शनिवार को सुबह से शहर के विभिन्न घाटों पर कलश और मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह लगभग क्क् बजे तक प्रतिमाओं व कलश का विसर्जन हुआ। दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के महासचिव रामबाबू सिंह ने बताया कि शहर में विभिन्न मंदिरों और हाउसिंग सोसाइटी को मिलाकर लगभग म्0 स्थानों पर सामूहिक रूप से चैती दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। कहीं कलश स्थापित किया गया था तो कहीं मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

सुख-शांति की कामना

भक्तों ने मां की विदाई पूजा के साथ अपने परिवार और समाज के लिए सुख व शांति की कामना की। बंगाली समाज की ओर से परंपरागत तरीके से मां की ¨सदूर से पूजा कर उनसे आशीर्वाद मांगा। साथ ही ठीक इसी प्रकार अगले साल भी आने का आग्रह किया। विसर्जन से पूर्व सुहागिन महिलाओं ने परंपरानुसार एक-दूसरे से सिंदूर की होली खेलकर मां से अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना की। सिंदूर पहले मां दुर्गा की मांग में लगाने के बाद उनके सभी अंगुलियों में लगाई। इसके बाद उस सिंदूर को मां के चरण में रख कर उससे थोड़ा हिस्सा निकालकर अपने सिंदूर वाले पात्र में रखा। महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाया, ताकि उनका सुहाग सलामत रहे। इसके बाद मां दुर्गा की विदाई दी गई।