- वर्ष 2006 में पीडी ने विकास भवन स्थित पीडी आवास में किया था सुसाइड

- सुसाइड के बाद आवास में अधिकारियों ने रहने से किया मना, बना दिया विभाग

- अल्पसंख्यक, यूपी डॉस्प और पराग बूथ संचालक साया मंडराने का दे रहे हवाला

BAREILLY:

बरेली के विकास में परियोजना डायरेक्टर का भूत अड़ंगा डाल रहा है। विकास भवन के अधिकारी जिस भी विकास कार्य में हाथ डाल रहे हैं, वहां किसी भी काम में सफलता हाथ नहीं लग रही है। ऐसे में, अधिकारियों-कर्मचारियों को भूत का साया डरा रहा है। लिहाजा, अफसर अल्संख्यक, यूपी डॉस्प ऑफिस दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट करने की दुहाई दे रहे हैं। हालांकि, सीनियर ऑफिसर इसे वहम करार दे रहे हैं।

10 वर्षो बाद मंडराया 'साया'

विकास भवन कैंपस में 27 जुलाई 2006 में परियोजना निदेशक के पद पर केशवराम वर्मा तैनात थे। 12 दिसंबर 2006 को पीडी आवास में ही सुसाइड कर लिया था। केशवराम वर्मा की मौत के बाद विकास भवन के पीडी आवास में कोई भी अधिकारी रहने के लिए तैयार नहीं हुआ। लिहाजा, अफसरों ने खाली पड़े भवन में अल्पसंख्यक विभाग, यूपी डॉस्प और पराग बूथ बना दिया।

श्मशान भूमि पर डाली है नींव

आवास को विभाग में तब्दील किए जाने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने विभाग को विकास भवन की मुख्य बिल्डिंग से संलग्न करने की मांग की। उन्होंने इसके लिए पीडी के 'साये' के चलते विकास कार्यो के न होने की शिकायत की। इसके अलावा अल्पसंख्यक विभाग ने शासन की फटकार, यूपी डॉस्प ने योजनाओं के पूरा न होने और पराग बूथ संचालक ने बिक्री न होने की बात कही थी। करीब एक वर्ष बाद पराग बूथ बिक्री न होने से बंद हो गया। विकास भवन के सुरक्षा गार्डो की मानें तो विकास भवन की नींव श्मशान भूमि पर बनाई गई थी। जिसके चलते उन्होंने रात में विभाग में कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई देती थीं। वहीं, हादसे के बाद से गार्ड अल्पसंख्यक विभाग का राउंड भी दूर से लगाते हैं।

साया मंडराने के मामले की जानकारी नहीं है। विभागों को कहीं शिफ्ट नहीं किया जाएगा। यह केवल वहम है।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ