- विकास भवन में हर तरफ गंदगी का ढेर

- अधिकारियों के दफ्तर के बाहर ही पान-गुटखा की पीक से पटी दीवारें

i reality check

GORAKHPUR: स्वच्छ भारत मिशन को लेकर शहर में भी तमाम कवायदें होती आ रही हैं। लेकिन जिले में इसकी जिम्मेदारी संभालने वाले विभाग के जिम्मेदार ही साफ-सफाई में कहीं पीछे हैं। हम बात कर रहे हैं विकास भवन की जहां से गोरखपुर जनपद में स्वच्छता अभियान का बिगुल फूंका गया था। लेकिन खुद विभाग का दफ्तर ही बदहाल सफाई व्यवस्था का उदाहरण बन कर रह गया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने विकास भवन के बाहर व भीतर स्वच्छता का रियल्टी चेक किया तो स्वच्छता मिशन के जिम्मेदारों की चौखट पर ही इस योजना का मजाक बना नजर आया।

खुद ही बना रहे स्वच्छता का मजाक

बता दें, जनपद भर में स्वच्छता मिशन के तहत दर्जन भर से ज्यादा योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी विकास भवन की है। लेकिन यहां के हालात खुद ही गंदगी की मिसाल पेश कर रहे हैं। भवन में बने प्रमुख अधिकारियों के केबिन के दरवाजे ही जहां पान-मसाला की पीक से पटे पड़े हैं। वहीं, परिसर में भी हर तरफ गंदगी का विकराल रूप ही नजर आता है। जब रिपोर्टर विकास भवन के मेन गेट के पास पहुंचा तो बाहर ही कूड़े का अंबार लगा मिला। इसके बाद रिपोर्टर विकास भवन के ग्राउंड फ्लोर के दफ्तरों की तरफ बढ़ा। यहां की स्थिति तो और भी दयनीय मिली। बाथरूम से जहां भयानक दुर्गध उठ रही थी। वहीं सीढि़यों के किनारे पान-मसाले की पीक से दीवारें लाल हो रखी थीं। इसके अलावा फ‌र्स्ट फ्लोर, सेकेंड फ्लोर व थर्ड फ्लोर के कार्यालयों के मुख्य द्वार पर भी गंदगी का ढेर नजर आया। हैरानी की बात तो यह रही कि जिलापूर्ति कार्यालय के मुख्य द्वार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी व जिला ग्राम्य विकास अभिकरण समेत दर्जन भर से ऊपर कार्यालयों के कर्मचारी मुंह में गुटखा भरे सरकारी काम काज निपटाते नजर आए। जिन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं था।

वर्जन

किसी भी दशा में गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी कर्मचारी या कोई व्यक्ति गंदगी फैलाते हुए नजर आएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

- अनुज सिंह, सीडीओ, विकास भवन