- बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने में लगा था विक्रम

- पिछले टायर के नीचे पत्थर आने से अचानक पलटा विक्रम

- दुर्घटना में एक बच्चे की विक्रम के नीचे दबने से मौत

DEHRADUN : नेहरू कॉलोनी एरिया में बच्चों को स्कूल छोड़ने निकला विक्रम टायर के नीचे पत्थर आने से पलट गया। दुर्घटना में विक्रम सवार एक बच्चा विक्रम के नीचे दब गया। गंभीर हालत में उसे सीएमआई अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पंचनामा की कार्रवाई कर परिजनों को सौंप दिया। विक्रम चालक के खिलाफ परिजनों ने कार्रवाई करने से इंकार कर दिया।

पत्थर नीचे आने से पलटा विक्रम

दरअसल, एचएनबी कॉलोनी निवासी आयुष्मान नौटियाल (उम्र क्क् साल) पुत्र मनोज नौटियाल दून इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा चार में पढ़ता था। रोज की तरह मंडे मॉर्निग को वह स्कूल जाने के लिए विक्रम में सवार हुआ। विक्रम चालक नितिन को स्कूल छोड़ने के लिए आस पास के एरियाज से भी कुछ बच्चों को उठाना था। जिस कारण वह दो अन्य बच्चों को विक्रम में बैठाकर शेष बच्चों को उठाने के लिए सरस्वती विहार के लिए निकला, सरस्वती विहार पहुंचते ही अचानक विक्रम के पिछले टायर के नीचे पत्थर आने से विक्रम तिरछा हो गया। नितिन विक्रम संभाल पाता इससे पहले ही आयुष्मान विक्रम से छिटक कर सड़क पर जा गिरा। आस पास के लोग कुछ कर पाते तब तक विक्रम पलट गया और आयुष्मान उसके नीचे दब गया। दुर्घटना में विक्रम सवार दो अन्य बच्चे भी मामूली चोटिल हुए

विक्रम चालक ने पहुंचाया अस्पताल

दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने नितिन के साथ मिलकर विक्रम को खड़ा किया और आयुष्मान को बाहर निकाला, उसके सिर से खून बह रहा था। नितिन अपने विक्रम से तत्काल आयुष्मान को लेकर सीएमआई अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पंचनामा की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, लेकिन जिलाधिकारी के आदेश पर बिना पोस्टमार्टम के ही शव परिजनों को सौंप दिया गया। बाईपास चौकी इंचार्ज प्रदीप नेगी ने बताया कि आरोपी विक्रम चालक के खिलाफ परिजनों ने कार्रवाई करने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि विक्रम चालक की कोई गलती नहीं है।

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घर का इकलौता चिराग था आयुष्मान

आयुष्मान घर का इकलौता चिराग था। छोटी बहन के साथ आयुष्मान खूब खेलता था। पिता मनोज सेंट्रल बैंक की एस्लेहॉल स्थित शाखा में कार्यरत हैं, जबकि मां अर्चना उपनल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में सेवारत है। घर में किसी चीज की कमी नहीं थी। हर तरह से सुखी इस परिवार पर आयुष्मान की मौत पहाड़ बनकर टूट पड़ी। पिता मनोज के साथ मां का रो-रोकर बुरा हाल है। बहन को अभी तक भाई के जाने का अहसास तक नहीं है।

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चार साल से छोड़ रहा था स्कूल

मूल रूप से बिजनौर निवासी विक्रम चालक नितिन कुमार परिवार समेत दीपनगर में रहता है। पिछले चार सालों से नितिन आयुष्मान को स्कूल छोड़ने के साथ लाने का काम कर रहा था। परिजनों को उस पर विश्वास था। नितिन ने इसका परिजन भी दिया। विक्रम पलटने के बाद वह अपने विक्रम से ही आयुष्मान को अस्पताल ले गया। संभवत: इसी वजह से परिजनों ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया। परिजन घटना को अपनी नियति मान रहे हैं।