- घटनास्थल पर दो मिनट रुकने के बाद पैदल ही पहुंचा था सिविल हॉस्पिटल

- पार्क रोड चौकी के करीब ठेले पर चाय पीने के बाद कार लेकर हुआ फरार

- चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की 5ाूमिका सवालों के घेरे में

LUCKNOW :

बीजेपी के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश तिवारी उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वै5ाव तिवारी की हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह किस कदर बे2ाौफ था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, वारदात को अंजाम देने के बाद वह न सिर्फ घटनास्थल पर दो मिनट तक टहलता रहा बल्कि, इसके बाद 5ाी उसने 5ागने की कोशिश नहीं की। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो घटना के बाद विक्रम सिविल हॉस्पिटल तक पैदल पहुंचा और वहां एक ठेले पर चाय 5ाी पी। इसके बाद वह अपनी सेंट्रो कार से फरार हो गया। 2ास बात यह है कि जहां उसने चाय पी, वहां से चंद मीटर की दूरी पर पार्क रोड पुलिस चौकी है। लेकिन, घटना से अंजान पुलिस को इतने शातिर अपराधी की मूवमेंट की 2ाबर तक न लग सकी। यह बात चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर कई गं5ाीर सवाल 2ाड़े कर रही है।

20 मिनट तक करता रहा चहलकदमी

बताया जाता है कि वै5ाव सिंह को गोली मारने के बाद आरोपी विक्रम सिंह मौके पर ही दो मिनट तक टहलता रहा। इस दौरान वह पिस्टल को अपनी अंगुली में घुमाता रहा, मानों वह इत्मिनान करना चाह रहा हो कि उसकी मौत हो गई है या नहीं। इसके बाद सूरज तो अपनी गाड़ी में बैठकर फरार हो गया लेकिन, विक्रम बे2ाौफ अंदाज में टहलते हुए सिविल हॉस्पिटल पहुंचा। जहां एक चाय के ठेले पर उसने चाय ऑर्डर की। चाय पीने के दौरान वह मोबाइल फोन से कॉल करता रहा। करीब 20 मिनट बाद वह करीब ही पार्क सेंट्रो कार पर सवार होकर वहां से चलता बना। आसपास के दुकानदारों की मानें तो जमानत पर छूटने के बाद से ही विक्रम सिंह सिविल हॉस्पिटल के आसपास कई बार दे2ा गया। हालांकि, सिविल चौराहे पर स्थित पार्क रोड चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने इस ओर ध्यान देने की जहमत नहीं उठाई।

दारोगा पर 5ाी कर चुका है हमला

हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह का यह बे2ाौफ अंदाज कोई नया नहीं बल्कि, इससे पहले 5ाी वह सिविल हॉस्पिटल व आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय बन चुका था। वर्ष 2013 में सिविल हॉस्पिटल चौराहे पर एक रि1शे वाले को बिना बात पीटने पर जब तत्कालीन चौकी इंचार्ज विनोद सिंह ने उसे रोका तो वह उन पर ही टूट पड़ा। हालांकि, एसआई विनोद सिंह ने न सिर्फ उसे काबू में किया बल्कि, अपने कार्यकाल में उसे अलग-अलग मामलों में छह बार अरेस्ट कर जेल 5ोजा। लेकिन, इसके बाद पार्क रोड चौकी पर तैनात किसी 5ाी चौकी इंचार्ज ने उसके 2िालाफ कार्रवाई की हि6मत नहीं जुटाई। जिससे उसका हौसला बुलंद होता गया। दो साल पहले मीराबाई मार्ग स्थित इंग्लिश वाइन शॉप के सेल्समैन की हत्या करने के बाद हजरतगंज पुलिस ने उसे अरेस्ट कर जेल जरूर 5ोजा। लेकिन, उस पर सतत निगरानी नहीं की गई। यही वजह है कि 10 दिन पहले जमानत पर छूट कर आया विक्रम पार्क रोड चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों के सामने 2ाुलेआम घूमता रहा लेकिन, किसी ने 5ाी उसे रोकने या टोकने की जहमत नहीं जुटाई। आसपास के दुकानदारों का तो यहां तक कहना है कि चौकी पर तैनात कई पुलिसकर्मियों से उसने दोस्ती गांठ र2ाी थी।