अंतिम सुनवाई के दौरान जब अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाए कि विक्टर बूट ने अमरीकियों को मारने के लिए हथियार बेचे, तो उन्होंने चीखकर कहा, "ये झूठ है."

पूर्व सोवियत अधिकारी, 45 वर्षीय विक्टर बूट को गत नवंबर में कोलंबियाई विद्रोही गुट को बड़े हथियार बेचने की कोशिशों का दोषी ठहराया गया था।

उन्हें वर्ष 2008 में बैंकॉक में गिरफ़्तार किया गया था जब एक स्टिंग ऑपरेशन में कुछ अमरीकियों ने कोलंबियाई विद्रोही बनकर उनसे मिले थे।

विक्टर बूट के जीवन के आधार पर हॉलीवुड में 2005 में एक फ़िल्म बन चुकी है। 'लॉर्ड ऑफ़ वॉर' नाम की इस फ़िल्म में विक्टर बूट की भूमिका निकोलस केज ने निभाई थी।

शाकाहारी और छह भाषाओं का ज्ञाता

गिरफ़्तार किए जाने के बाद विक्टर बूट को दो वर्ष तक थाईलैंड में ही क़ैद में रखा गया और इसके बाद उन्हें अमरीका प्रत्यार्पित कर दिया गया, जहाँ उन पर मुक़दमा चला।

शाकाहारी विक्टर बूट छह भाषाएँ बोलते हैं। फैसला आने के बाद उन्होंने अपने वकील को गले लगाया और अदालत से जाते हुए अपनी पत्नी को देखकर हाथ हिलाया।

इससे पहले उन्होंने एक रूसी अनुवादक के ज़रिए न्यायाधीश से कहा कि उनका 'उद्देश्य किसी को मारना कभी नहीं रहा' और 'इस सच को भगवान जानता है'।

हालांकि उन्होंने नवंबर में ही दोषी ठहरा दिया गया था लेकिन सज़ा सुनाया जाना दो बार स्थगित किया गया क्योंकि उनके वकील ने अमरीकी सरकार पर एक रूसी नागरिक को फँसाने के लिए 'घृणित व्यवहार' का आरोप लगाते हुए और समय की मांग की थी।

न्यायाधीश शिरा शेंडलीन ने कहा कि अमरीकी अधिकारियों ने जो स्टिंग ऑपरेशन किया था, उसके आधार पर विक्टर बूट को 25 वर्ष की सज़ा देना उचित है।

बूट को इसके अलावा 1.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना अदा करने को भी कहा गया है। लेकिन अपने फैसले में उन्होंने कहा, "हालांकि ऐसा मानने की कोई वजह नहीं है कि स्टिंग ऑपरेशन में उन्होंने जो कहा, वो अपराध उन्होंने कभी वास्तव में भी किया."

अभियोजन पक्ष का कहना है कि बैंकॉक के एक होटल में कोलंबियन विद्रोही बनकर पहुँचे अमरीकी अधिकारियों से विक्टर बूट ने ज़मीन से हवा में मार करने वाले 100 अत्याधुनिक मिसाइलें और पाँच हज़ार एके-47 राइफ़लें बेचने का वादा किया था। हालांकि बचाव पक्ष का कहना था कि विक्टर बूट ने सिर्फ़ 50 लाख डॉलर में दो पुराने मालवाहक विमान बेचने की कोशिश की थी।

विद्रोहियों को हथियार

वैसे विक्टर बूट को ये सज़ा थाईलैंड में हथियारों बेचने की इन कोशिशों के लिए ही सुनाई गई है, लेकिन अमरीकी अधिकारियों का आरोप है कि बूट ने अफ़्रीका, दक्षिण अमरीका और मध्यपूर्व में तानाशाहों और छापामारों को भी हथियार बेचे।

कहा जाता है कि बूट ने 1990 के दशक में अफ़्रीका में हथियारों की आपूर्ति शुरु की थी। अंतिम फैसले से पहले अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा, "वैसे तो विक्टर बूट अपने को एक व्यावसायी से अधिक कुछ नहीं मानते, लेकिन वे सबसे ख़तरनाक क़िस्म के व्यावसायी हैं."

अमरीकी वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2004 में विक्टर बूट के साथ किसी भी तरह के व्यवसाय पर रोक लगा दी थी क्योंकि उन पर ये 'अपुष्ट आरोप' थे कि उन्होंने तालिबान को भी हथियारों की आपूर्ति की।

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