-वेस्ट बंगाल के ग्रामीणों ने पीएम मोदी को लिखा लेटर

-लोक चेतना यात्रा के दौरान फरक्का के पास जबरदस्त कटान का पता चला

PATNA: जीवनदायिनी गंगा विनाश का रूप ले रही है। इसका कारण फरक्का बराज है। जब से बराज बना है, तब से सिल्टेशन बढ़ा है और बंगाल में गंगा के इस्टर्न बैंक का कटान तेजी से हो रहा है। संडे को राजेंद्र सिंह ने बताया कि पहले जो कटाव करीब दस परसेंट था, वह करीब फ्0 परसेंट पहुंच गया है।

क्या है समाधान

राजेंद्र सिंह ने बताया कि कि गंगा की धारा लगातार बदल रही है। बराज के आस-पास बड़ा क्षेत्र दियारा बन गया है। इस कारण गंगा के पूर्वी किनारों पर कटाव तेजी से बढ़ा है। कई गांव का अस्तित्व खत्म हो गया है। यदि इसे रोकना है तो गंगा की पुरानी धारा को पुन: चालू करने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि गंगा को पुरानी धारा में वापस लाने के लिए फरक्का बराज के डाउनस्ट्रीम स्लूज को खोलना होगा। ज्ञात हो कि इसके क्09 स्लूज हैं, जो कि खराब पड़े हैं। इसे दुरुस्त करने की जरूरत है।

पीएम से लगाई गुहार

मुर्शिदाबाद जिला, वेस्ट बंगाल के महेशपुर ग्राम पंचायत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर त्वरित पहल करने की अपील की है। साथ ही, यह भी जिक्र किया गया है कि यदि इसका समाधान नहीं निकाला जाता है तो वे खुद बराज तोड़ने के लिए विवश होंगे। राजेन्द्र सिंह ने बिहार के सीएम और पं। बंगाल के सीएम के समक्ष केन्द्र के पास अपना पक्ष रखने की सलाह दी है। हालांकि उन्होंने बराज के डीकमीशन की बात को खारिज किया है। उन्होंने नमामि गंगे परियोजना में फरक्का बराज की समस्या शामिल करने की बात कही है।

रीव्यू करना होगा

फरक्का बराज को बने ब्फ् साल बीत गया है। आज परिस्थिति भयावह है। इस मामले को लेकर जलपुरुष राजेंद्र सिंह सहित कई लोग इसे रिव्यू करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब यह समय आ गया है कि इसके नफे- नुकसान का सही- सही आंकलन कर इसका विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया जाए। ताकि वर्तमान में बलवती होती समस्या का निदान किया जा सके।