ध्यान नहीं दिया जा रहा

सिदगोड़ा, बारीडीह, साकची, कदमा, बिष्टुपुर, गोलमुरी सहित अन्य प्लेसेज पर पॉलिटिकल पार्टीज के झंडा व बैनर्स लहरा रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने इन्हें हटाने का ऑर्डन दिया है, इसके बावजूद इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


इन parties के लगे हैं बैनर
सिटी में कांग्रेस, बीजेपी  झामुमो, आजसू, त्रिणमूल कांग्र्रेस व झाविमो के बैनर व पोस्टर सिटी के कई चौक-चौराहों पर आसानी से देखे जा सकते हैं। सिटी में लगे इन तमाम बैनर व पोस्टर्स से साफ है कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इन्हें हटाए जाने के लिए चलाया जा रहा अभियान केवल खनापूर्ति मात्र है।

पहली बार 1971 में
कंट्री में फस्र्ट टाइम इलेक्शन कमिशन द्वारा वर्ष 1971 (पांचवें इलेक्शन) में कोड ऑफ कंडक्ट इश्यू किया गया था, जिसे टाइम टू टाइम रिवाइज किया जाता है।

क्या कहता है नियम?
रूल्स के मुताबिक आचार संहिता उल्लंघन के मामले में इलेक्शन कमीशन द्वारा कंसर्न पार्टीज को नोटिस इश्यू किया जाता है। नियम का उल्लंघन न होने देने की सारी जिम्मेवारी पार्टी के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट पर होती है।


Provisions under code of conduct
चुनाव आयोग द्वारा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को जनरल कंडक्ट, मीटिंग्स, प्रोसेशन व पोलिंग डे जैसे कैटेगरी में बांटा गया है। इसके लिए अलग-अलग कानून हैं।
-आदर्श आचार संहिता के दौरान गवर्नमेंट, मिनिस्टर या ऑफिशियल्स किसी नई स्कीम की शुरुआत नहीं कर सकते हैं।
-कंडिडेट्स व पॉलिटिकल पार्टिज को रैली, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए परमीशन लेनी पड़ती है।
-कंडिडेट या पॉलिटिकल पार्टी किसी व्यक्ति की प्राइवेट जमीन, बिल्डिंग, वॉल का बिना परमीशन यूज नहीं कर सकते।
-लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्र या सामान के इस्तेमाल के लिए परमीशन लेनी होगी।
-किसी भी स्थिति में किसी का पुतला जलाने की परमीशन नहीं होगी।

कोड ऑफ कंडक्ट का वायोलेशन होना गलत है। मामले की जानकारी लेने के बाद एक्शन लिया जाएगा।
-पीके जाजोरिया, चीफ इलेक्शन कमिश्नर, झारखंड

आचार संहिता उल्लंघन के तहत उल्लंघन के प्रकार के आधार पर ही कार्रवाई की जाती है और कम्प्लेन दर्ज कराया जाता है।
-गीता चौबे,डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर, धालभूम

 मैं सिटी में नहीं हूं। सभी से कह दिया गया है कि पार्टी का झंडा, बैनर व वाल पेंटिंग हटा लें।
-रविन्द्र झा, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट, कांग्रेस

आचार संहिता का उल्लंघन गंभीर मामला है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने अपनी पार्टी का झंडा-बैनर पहले ही हटा लिया है।
-डीजी राजा, स्पोक्सपर्सन, समाजवादी पार्टी, झारखंड

मैैंने सभी मंडल अध्यक्षों को एसएमएस कर दिया है कि वे झंडा-बैनर हटा लें। इसके अलावा एक आदमी रखकर खुद भी उसे हटवा रहे हैं।
-फिरोज खान, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट, जेवीएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया जा चुका है कि वे जितनी जल्दी हो सके पार्टी का झंडा-बैनर आदि हटा लें।
-रमेश हांसदा, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट, झामुमो

मेरी जानकारी में कहीं भी हमारा झंडा-पोस्टर नहीं लगा है। अगर कहीं छूट गया है तो जानकारी मिलते ही उसे भी हटा दिया जाएगा।
-राजकुमार श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट, बीजेपी

रूल्स फॉलो करना सभी की जिम्मेवारी हैं। अगर लीडर खुद ही रूल फॉलो नहीं करेंगे, तो गवर्नमेंट बनाने को बाद वे कैसे काम करेंगे। लोकतंत्र में सब समान हैं, इसलिए किसी तरह की गलती नहीं करनी चाहिए।
-बिनोद ठाकुर, आरटीआई एक्टिविस्ट

आचार संहिता का उल्लंघन गलत है। किसी भी हालत में रूल का वायोलेशन नहीं होना चाहिए। इसे सभी को फॉलो करना चाहिए। अब बारी नेताओं की है, तो उन्हें इसपर ध्यान देना चाहिए।
-बिनोद कुमार, एडवोकेट

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