एडमिनिस्ट्रेशन के दावे फेल

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने दावा किया था कि सैटरडे को बंद से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.  हर चौक-चौराहे पर पांच पुलिस जवानों को डिप्यूट करने की बात कही गई थी। बंद के दौरान सिटी के इंपॉर्टेंट चौक-चौराहे की वीडियोग्रॉफी कराने की भी बात थी, ताकि बंद समर्थक के उत्पात पर नजर रखी जा सके। इसके लिए जैप के 300 जवानों को बुलाया गया था, पर सैटरडे को जब बंद समर्थक सड़कों पर उतरे तो डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के सारे दावे खोखले साबित हुए।

लॉ एंड ऑर्डर हवा-हवाई  
सिटी एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा था कि  बंद के दौरान लॉ एंड ऑर्डर को लेकर पुलिस हर कदम उठाएगी। बंद के दौरान किसी को भी  लॉ हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। इस दौरान सड़कों पर हंगामा, उत्पात और तोडफ़ोड़ करनेवालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके लिए सभी थानों को पेट्रोलिंग करने का डायरेक्शन भी दिया गया। पर सैटरडे को जब बंद समर्थक सड़कों पर निकले तो पुलिस मौन हो गई। हंगामा और तोडफ़ोड़ होता रहा और पुलिस मूक दर्शक बनकर देखते रही। चौक-चौराहे पर इक्का-दुक्का पुलिस ही नजर आ रही थी। कई एरियाज में तो बंद समर्थक पुलिस से ही उलझ गए। हुए नजर आए।
में एफआईआर दर्ज होगी। यातायात व्यवस्था को को सामान्य बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस और के जवान सभी चौक-चौराहों पर तैनात रहेंगे।

बाइक सवारों की पिटाई  
सैटरडे की मॉर्निंग 8 बजे ही बंद समर्थक सड़कों पर निकल आए थे। कई के हाथों में लाठी और डंडे भी थे। बोड़ेया, मोहराबादी, करमटोली चौक, कचहरी चौक, शहीद चौक, लाला लाजपत राय चौक, बिरसा चौक, अलबर्ट एक्का चौक, डेली मॉर्केट, कांटाटोली चौक, बहू बाजार एरियाज में टायर जलाकर सड़कों को ब्लॉक कर दिया.  इस दौरान कुछ एरियाज में बाइक पर जा रहे लोगों को बंद समर्थकों ने पहले खदेड़ा और फिर लाठी-डंडे से पिटाई भी कर डाली। कई की तो बाइक को उन्होंने डैमेज कर दिया।

कार और बस भी निशाने पर
बंद के दौरान सड़कों पर चल रहे हर तरह के व्हीकल्स बंद समर्थकों के निशाने पर रहा। कार और बसों पर भी उन्होंने हमला कर दिया। कई गाडिय़ों के शीशे फोड़ दिए गए। व्हीकल ड्राइव करने वालों की पिटाई भी की गई। इस दौरान कुछ गाडिय़ों को आग के हवाले करने की भी कोशिश बंद समर्थकों ने कोशिश की।

आठ घंटे तक होता रहा उप्रदव  
सिटी में सुबह आठ बजे से शाम तक बंद का असर रहा। इस दौरान कई एरियाज में बंद समर्थकों का उप्रदव देखने को मिला। आठ घंटे तक रांचीआइट्स घरों में कैद रहने को मजबूर रहे। जो जरूरी काम से निकलें,उनके साथ या तो मिसबिहेव किया गया या फिर पिटाई कर दी गई। बंद समर्थक ग्रुप में उत्पात मचा रहे थे। इस दौरान लाल-पीली बत्ती लगी वीआईपी व्हीकल्स के साथ एंबुलेंस को भी बंद समर्थकों ने नहीं छोड़ा.  एंबुलेंस से पेशेंट्स उतार दिया गया, पर लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए तैनात किए गए मजिस्ट्रेट, पुलिस ऑफिसर्स और जवान तमाशा देखते रहे। सिचुएशन कुछ ऐसी थी कि पुलिस सिर्फ वैसे बंद समर्थकों को ही अरेस्ट किया, जो खुद अरेस्ट  होना चाह रहे थे.गौरतलब है कि बंद समर्थकों का मेन सेंटर करमटोली चौक और रांची कॉलेज था। करमटोली चौक को बांस-बल्ली से बंद समर्थकों ने ब्लॉक कर दिया था। इस दौरान एक बस, आरएमसी के सीईओ की गाड़ी और पेशेंट ले जा रहे ऑटो में तोडफ़ोड़ की।