RANCHI: राज्य के गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने सोमवार को सरायकेला और जमशेदपुर में घटी घटनाओं पर अपनी सफाई दी और कहा कि हर घटना की बारीकी से जांच चल रही है। इसके लिए एक कमिटी का गठन कया गया है, जो एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इसमें जिन तथ्यों का खुलासा होगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग के हिसाब से मानगो में घटी घटना के दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है। एक-एक को चुन-चुन कर सजा दिलवाई जाएगी। किसी के साथ कोई मुरव्वत नहीं की जाएगी। गृह सचिव और डीजीपी सूचना भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

बच्चा चोरी की अफवाह

पिछले पांच दिनों की सभी घटनाक्रमों पर पुलिस और गृह विभाग ने एक श्वेत पत्र भी जारी किया, जिसमें बताया गया कि बच्चा चोरी गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह के कारण ही सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम में ये घटनाएं घटीं। इस मामले में फ्7 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। अभी तक क्म् लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हत्यारों ने जिन लोगों का कत्ल किया, उन्हें बच्चा चोर करार दिया गया था।

हिरासत में एक व्हाट्सएप्प एडमिन

इन घटनाओं के बाद जमशेदपुर के मानगो इलाके में उपद्रवियों ने शांति भंग करने की कोशिश की, जिसे लेकर क्0ख् लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का मानना है कि इन प्रकरणों में अफवाह फैलाने में सोशल मीडिया की भी प्रमुख भूमिका रही। यही वजह है कि जमशेदपुर के एक वाट्सएप्प एडमिन को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ भी की जा रही है।

डीजीपी भी त्रस्त हैं वाट्सएप्प ग्रुप से

डीजीपी डीके पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि सुबह से शाम तक उनकी सहमति के बगैर ख्0 से ख्भ् ग्रुपों में उनका नाम जोड़ा जाता है। रात में वे सभी अवांछित ग्रुप से लेफ्ट करते हैं। चूंकि वाट्सएप्प में यह व्यवस्था ही नहीं है कि किसी मोबाइलधारक की सहमति के बिना उसे किसी ग्रुप में नहीं जोड़ा जाए, इसलिए यह तय कर पाना मुश्किल होगा कि जो कंटेंट किसी व्यक्ति के पास पहुंच रहा है, वह उससे सहमत है या नहीं। इस आधार पर किसी को भी साइबर क्राइम में बुक करना मुश्किल होगा। इसका हल यह है कि सोशल मीडिया से लेकर आम जन चौपाल तक लोगों के बीच वृहद पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाए जाएं।