VARANASI: सेंट्रल जेल में बुधवार को हंगामा मच गया। अचानक बजी पगली घंटी से जेल में मौजूद बंदी रक्षक और प्रशासनिक अधिकारी एक्टिव हो गए और गिरते-पड़ते जेल की ओर भागे। दरअसल बुधवार की दोपहर जेल में बंद कैदी और जेल प्रशासन आमने-सामने हो गए। कैदियों के अंदर इस बात को लेकर गुस्सा था कि वो मुलाकात के लिए जेल प्रशासन की ओर से बनाये जा रहे जाली घर में परिजनों से मिलना नहीं चाहते थे। इसी से नाराज कैदियों ने जेल सुप्रिटेंडेंट समेत एक अन्य डॉक्टर को सर्किल-एक में बंधक बना लिया और जब जेल सिक्योरिटी इन्हे छुड़ाने के लिए सर्किल की ओर बढऩे लगी तो कैदियों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव के बाद कैदियों ने बंधक बनाये गए जेल सुप्रिटेंडेंट और डॉक्टर के साथ जमकर हाथपाई की और डॉक्टर को पीट दिया। कैदियों की ओर से हुए पथराव और मारपीट के चलते सीनियर जेल सुप्रिटेंडेंट कैप्टन एसके पाण्डेय समेत दो बंदी रक्षक और एक डॉक्टर घायल है। बाद में मौके पर भारी फोर्स के साथ डीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और कैदियों से बातचीत कर मामले को शांत कराया।

अचानक हुआ बवाल

कैदी अचानक इतने उग्र हो जाएंगे इसका अंदेशा जेल प्रशासन को नहीं था। बताते हैं कि जेल प्रशासन ने खुले में मुलाकात करने की जगह कैदियों के लिए जेल प्रिमसेस में ही एक कमरा बनवाया है। यहां जाली लगने का काम चल रहा है। जाली लगने के बाद कैदियों से परिजनों की मुलाकात इसी जाली के अंदर होनी थी। इसी बात से कैदी नाराज थे। जाली के अंदर मुलाकात न हो इसके लिए कैदियों ने जेल सुप्रिटेंडेंट से आग्रह भी किया था। बुधवार को इसी मैटर पर बात करने के लिए जब जेल सुप्रिटेंडेंट जेल के सर्किल नंबर-एक में पहुंचे तो कैदियों ने गेट बंद कर उनको और उनके साथ पहुंचे एक डॉक्टर को बंधक बना लिया। सुप्रिटेंडेंट को बंधक बनाये जाने की सूचना पर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और जेल सिक्योरिटी सर्किल-एक की ओर बढऩे लगी।

खूब चले पत्थर

सुप्रिटेंडेंट समेत जेल में बंदी रक्षकों की भर्ती के लिए मेडिकल अधिकारी के तौर पर पहुंचे डॉ। सुरेश सिंह को कैदियों ने सर्किल-एक में बंधक बनाकर बैठाया ही था कि इसकी सूचना पर जेल सिक्योरिटी टाइट कर दी गई। इससे नाराज कैदियों ने जेल सिक्योरिटी को वापस जाने को कहा लेकिन सिक्योरिटी कैदियों के उग्र होने के चलते आगे बढ़ती रही। इसी से नाराज कैदी सर्किल की छत पर पहुंच गए और जमकर पथराव करने लगे। इस पथराव में दो बंदी रक्षकों समेत डॉक्टर और जेल सुप्रिटेंडेंट घायल हो गए। घायलों में दोनों बंदीरक्षकों और डॉक्टर को जिला हॉस्पिटल ले जाया गया जबकि जेल सुप्रिटेंडेंट का इलाज जेल हॉस्पिटल में ही हुआ।

जब बज उठी पगली घंटी

यूं तो जेल में लगी पगली घंटी सिर्फ ट्रायल या मॉक ड्रिल के सयम ही बजती है लेकिन बुधवार को दोपहर दो बजकर 30 मिनट पर अचानक पगली घंटी बजने से जेल सिक्योरिटी एक दम से एलर्ट हो गई। जेल प्रिमिसेस में मौजूद शस्त्रागार में रखे लाठी डंडों समेत असलहे निकालकर बंदी रक्षक जेल के अंदर पहुंच गए। बंदी रक्षकों को जब इस बात की खबर लगी की जेल सुप्रिटेंडेंट को बंदी बनाया गया है तो जेल सिक्योरिटी उन्हें आजाद कराने में जुट गई। पगली घंटी बजने के बाद जेल के गेट पर तैनात कॉन्स्टेबल ने अंदर पहुंच कैदियों को शांत करने के लिए दो राउंड हवाई फायरिंग भी की। इससे कैदियों का गुस्सा और बढ़ गया और कैदियों ने पथराव तेज कर दिया। लगातार हो रहे पथराव के चलते जेल में अफरा-तफरी मच गई और जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस को वायरलेस के थ्रू सूचना दी।

मौके पर पहुंचे कमांडो दस्ते

जेल के अंदर कैदियों की ओर से हुए बवाल की सूचना जिला प्रशासन को लगते ही मौके पर डीएम रविन्द्र, एडीएम सिटी एमपी सिंह, डीआईजी रामकुमार, एसपी सिटी मान सिंह चौहान समेत जिले के एक दर्जन से ज्यादा थानों की फोर्स, पीएसी और कमांडो दस्ते पहुंच गए और पूरे मामले को हैंडिल किया। मौके पर पांच थाना क्षेत्रों के सीओज भी पहुंचे थे। जेल में कमांडोज के पहुंचने से पूरे जेल परिसर में हड़कंप मच गया। डीएम के पहुंचने के बाद दो घंटे तक चली बातचीत और कैदियों को मिले आश्वासन के बाद कैदियों ने बंधक बनाये गए जेल सुप्रिटेंडेंट का रिहा किया।

जिला जेल अधीक्षक को मिला चार्ज

सेंट्रल जेल के सुप्रिटेंडेंट से नाराज कैदियों के बवाल के बाद जेल पहुंचे डीएम ने जेल सुप्रिटेंडेंट कैप्टन एसके पाण्डेय की जगह जेल का चार्ज जिला जेल अधीक्षक संतलाल यादव को सौंप दिया है। डीएम रविन्द्र के मुताबिक इस पूरे मसले की जांच पूरी होने तक चार्ज जिला जेल अधीक्षक के पास ही रहेगा।