जेल महानिरीक्षक आनंद किशोर को इस जांच की ज़िम्मेवारी सौंपी गई है.

विचाराधीन क़ैदी रामबालक राय की हत्या को मंगलवार सुबह हुई हिंसक झड़प की वजह बताया जा रहा है. राय सोमवार सुबह अपने वार्ड में मृत पाए गए थे. उन्हें वार्ड संख्या 3/4 में कुल बाइस क़ैदियों के साथ रखा गया था.

मौत की जानकारी मिलते ही जेल में क़ैदियों और बाहर उनके परिजनों और समर्थकों ने काफी देर तक हंगामा किया था. इस वजह से सोमवार को जेल के पास पटना-मुज़फ़्फ़रपुर मार्ग आठ घंटे तक जाम रहा था.

हत्या का विरोध

सोमवार शाम को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि क़ैदी की गला दबाकर हत्या की गई थी. इसके बाद जेल महानिरीक्षक आनंद किशोर ने मजिस्ट्रेट जांच और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.

बिहार: क़ैदियों में हिंसक संघर्ष,आठ ज़ख्मी

स्थानीय पत्रकार चंद्रभूषण सिंह शशि के मुताबिक़, ''सुबह क़ैदी जैसे ही अपने-अपने सेल से बाहर आए तो रामबालक राय की हत्या का विरोध कर रहे क़ैदियों ने उस सेल के क़ैदियों पर हमला कर दिया, जिसमें राय को रखा जाता था. झड़प में घायल सभी क़ैदी राय की सेल के हैं.''

वैशाली ज़िले के पुलिस अधीक्षक सुरेश प्रसाद चैधरी ने बताया, ''देर शाम सदर थाने में क़ैदी की हत्या के मामले में अज्ञात क़ैदियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है. साथ ही घायल कैदियों में से तीन को बेहतर इलाज के लिए पटना स्थित पीएमसीएच भेजा गया है जहां सभी क़ैदियों की हालत ख़तरे से बाहर है.''

पत्नी हत्या का आरोप था

रामबालक राय वैशाली ज़िले के राजापाकर उत्तरी पंचायत के पूर्वी टोला के रहने वाले था. पत्नी इंदु देवी की हत्या के आरोप में उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा हुई थी और इसी मामले में वे जेल में थे.

हाइकोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद पिछले साल उन्होंने पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.

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