- अब गाडि़यों की बत्ती पर रखी जाएगी नजर, इलेक्शन को लेकर लिया गया एक्शन

- फैमिली मेंबर दिखे तो ऑफिसर्स पर होगी कार्रवाई

- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पहले भी हुई है कार्रवाई

- तमाम ऑफिसर्स से लेकर एंबुलेंस तक की लाइट की होगी जांच

PATNA : अब ऑफिसर्स की गाडि़यों को अगर उनके फैमिली मेंबर या फिर कोई अन्य यूज करते हुए दिखे तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही गाडि़यों का ड्राइवर अगर खाली गाड़ी ले जा रहा है तो नेम प्लेट ब्लैक कपड़े से ढंक कर रखाना होगा। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब इलेक्शन को लेकर भी बत्ती के मिसयूज करने वालों पर कड़ी नजर है। जानकारी हो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद तमाम मिनिस्टर से लेकर ऑफिसर्स तक की बत्ती को फिक्स्ड कर दी गयी है।

बेवजह हॉर्न बजाकर परेशान न करें

यही नहीं ट्रैफिक में चलने वाली खाली एंबुलेंस को भी हिदायत दी गया है कि वो बेवजह हॉर्न बजाकर परेशान न करें। इलेक्शन को लेकर तमाम ऑफिसर्स को भी यह हिदायत दी गयी है कि गाडि़यों की बत्ती को एक बार नियम के अनुसार चेक करवा लें। गलत पाया गया तो फिर कार्रवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक बत्ती का कलर

फ्लैशर सहित लाल बत्ती

गवर्नर, सीएम, बिहार विधान परिषद के सभापति, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष, पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, लोकायुक्त, कैबिनेट स्तर के मिनिस्टर, उपाध्यक्ष राज्य योजना पर्षद, एक्स चीफ मिनिस्टर, बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता, बिहार विधान सभा में विरोधी दल के नेता, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस, वित्त विभाग की पांच सरकारी गाडि़यां जो भारत सरकार एवं अन्य राज्यों के उच्च पदस्थ व्यक्तियों के आगमन पर प्रयोग में लायी जाएंगी।

बिना फ्लैशर की लाल बत्ती

उपसभापति बिहार विधान परिषद, उपाध्यक्ष बिहार विधान परिषद, राज्य मंत्री, उप मंत्री, राज्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य योजना पर्षद के सदस्य, चीफ सेक्रेटरी बिहार, महाधिवक्ता बिहार, अध्यक्ष बिहार अल्पसंख्यक आयोग, अध्यक्ष बिहार अनुसूचित जाति आयोग, अध्यक्ष बिहार अनुसूचित जन जाति आयोग, अध्यक्ष अति पिछड़ा वर्ग आयोग, अध्यक्ष महादलित आयोग, अध्यक्ष उच्च जातियों के लिए राज्य आयोग, अध्यक्ष बिहार लोक सेवा आयोग, प्रधान अपर महाधिवक्ता बिहार

एंबुलेंस - नीली बत्ती