वाह रे नगर आयुक्त साहब

वैसे अपने पूरे शहर को चमचमाते हुए रखने की जिम्मेदारी नगर निगम के आयुक्त साहब की है लेकिन भाई साहब बिजी रहते हैं और अपना फोन भी खुद नहीं उठाते बल्कि अर्दली को दे देते हैं। इसलिए हमने सोचा कि अपने इस रियलिटी चेक की शुरुआत इन्ही के घर के बाहर से करें। हम ये सोचकर नगर आयुक्त के घर के बाहर पहुंचे थे कि शायद इनकी सर्किट हाउस के सामने वाली कॉलोनी की रोड भी शहर की अन्य रोड्स की तरह बेहाल होंगी, कॉलोनी में नालियां बजबजा रही होंगी और कूड़ा महीनों से नहीं उठा होगा, लेकिन जब हम यहां पहुंचे तो सब कुछ वंडरफुल मिला। नगर आयुक्त आरपी सिंह के घर के बाहर की रोड तो ऐसे चमचमा रही थी जैसे मानों हम बनारस में नहीं किसी फॉरेन कंट्री में हो। लेकिन जैसे ही हम इन साहब के घर से बाहर निकले और कुछ दूर भोजूबीर और टकटकपुर पहुंचे तो हमारा भ्रम टूट गया और पता चला कि साहब के घर के बाहर सब मस्त था और कुछ दूर पर ही रहने वाली पब्लिक पस्त थी।

100 दिन में खुद की कॉलोनी हो गई मेनटेन

रियलटी चेक का दूसरा स्पॉट था हमारे मेयर रामगोपाल मोहले का गांधीनगर स्थित आवास। पिछले साल ही मेयर चुने गए अपने मोहले जी ने कुर्सी संभालते ही ये वादा किया था कि पूरा शहर बस 100 दिन में चमचमाने लगेगा। सभी के घर के बाहर के सड़के चलने लायक होंगी, कॉलोनियां साफ-सुथरी होंगी लेकिन ये सब दावे ठीक उसी तरह फेल हो गए जैसे सचिन के आगे अच्छे अच्छे बॉलर फेल हो जाते हैं। अपने रियलिटी चेक के दौरान मेयर साहब के घर के बाहर की रोड तो हमें चकाचक मिली ही। घर के सामने का निगम का पार्क भी जबरदस्त तरीके से मेनटेन दिखा जबकि मेयर साहब की कॉलोनी के ठीक पीछे बसी कस्तूरबा नगर कॉलोनी की हालत पतली थी। गंदगी से पूरा इलाका बजबजा रहा था और सड़कों का हाल तो ऐसा था कि पूछिये ही मत।

'माताजी' को बच्चों की नहीं सिर्फ अपनी चिंता

आई नेक्स्ट के इस रियलिटी चेक के दौरान हमने शहर की माता जी यानि भाजपा से शहर कैंट की विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव के घर के बाहर का हाल भी जाना। चूंकि शहर में इनकी छवि माता जी की ही है। इसलिए हम इनके घर के बाहर पहुंचने से पहले ये सोच रहे थे कि मां अपने बेटों को तकलीफ में छोड़कर कैसे आराम से रह सकती हैं? इसलिए ज्योत्सना जी के शिवाजी नगर महमूरंगज स्थित घर के बाहर सब कुछ शहर की बदहाली की ही तरह होगा लेकिन जब हम इनके घर के बाहर पहुंचे तो हक्के-बक्के रह गए। हमने देखा कि माता जी के घर के बाहर की सड़क ऐसी थी कि गाड़ी लेकर चलने पर एक झटका न लगे, सफाई ऐसी कि एक पिन गिर जाये तो उसे भी ढूंढ लिया जाये। वहीं जब हम इनकी कॉलोनी से महज 100 मीटर आगे बसे निरालानगर कॉलोनी पहुंचे तो यहां समस्याओं का अंबार मिला। सड़क पर पिछले दिनों हुई बारिश का पानी लगा था। पूरा इलाका कीचड़ व नाले के पानी से घिरा हुआ था और इलाके का हर शख्स माता जी को बड़ी शिद्दत से याद कर रहा था।

दिखते हैं कभी-कभी लेकिन घर के बाहर सब चौकस

हमारे रियलिटी चेक अभियान में हमारा अगला पड़ाव था हमारे सांसद मुरली मनोहर जोशी का भोजूबीर महावीर मंदिर स्थित आवास। वैसे अपने सांसद जी बड़े लीडर हैं और शहर की नाली, खड़ंजा और अन्य जन समस्याओं के मुद्दों से खुद को दूर रखते हुए राष्ट्रीय स्तर की ही राजनीति करने में विश्वास रखते हैं। शायद तभी अपने लगभग साढ़े चार के कार्यकाल में उन्होंने बनारस के लिए कुछ ऐसा नहीं किया जो शहर के लोगों के लिए अच्छा हो। इसके बावजूद सांसद महोदय के घर के बाहर का हाल अच्छा मिला। सड़क पर गड्ढे जैसी किसी भी चीज का नामोनिशान नहीं था और साफ सफाई बिल्कुल दुरुस्त थी। वहीं सांसद महोदय के घर से महज 50 मीटर दूर महावीर मंदिर से आगे की रोड पूरी तरह से उखड़ी पड़ी थी। ये हाल इसलिए था क्योंकि ड्रेनेज की लाइन बिछाने के बाद गंगा प्रदूषण इकाई ने रोड का निर्माण अब तक नहीं कराया।

इनकी तो पूछो ही मत

अपने रियलिटी चेक के दौरान हमको हर नेता और हर अधिकारी के घर के बाहर सब कुछ दुरुस्त मिला लेकिन एक नेता ऐसा भी मिला जिसके कई बार विधायक बनने के बाद भी उसके घर के बाहर की हालत आज तक नहीं सुधरी। वो नेता हैं भाजपा के शहर दक्षिणी के विधायक श्यामदेव राय चौधरी 'दादाÓ का गोदौलिया स्थित घर। वैसे तो दादा को पूरा बनारस निहायत ही सीधा-साधा विधायक कहता है लेकिन इतनी भी सिधाई किस काम की जो अपने घर के बाहर की हालत न सुधार सके। अपने रियलिटी चेक के दौरान हमें दादा के घर के बाहर की हालत भी बदहाल मिली और इनके विधानसभा क्षेत्र के अन्य इलाकों की हालत भी बद से बदतर मिली।