-ज्योति हत्याकांड के अभियुक्त पीयूष-मनीषा को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिये जाने का मामला

-डीएम ने जेल अफसरों की करतूतों की एक-एक डिटेल शासन भेजी, दोषी अफसरों पर कार्यवाही तय

-फ्यूचर में किसी कैदी को वीआईपी ट्रीटमेंट न मिले, इसके लिए जेल में पड़ेंगे औचक छापे

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KANPUR : पीयूष-मनीषा का साया जहां-जहां पड़ रहा है। उस जगह और वहां के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। दोनों के नये ठिकाने यानि जिला जेल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। डीएम-एसएसपी के छापे के बाद अब जेल में बंद दूसरे हाई प्रोफाइल कैदियों के 'वीआईपी ट्रीटमेंट' पर भी ग्रहण लग गया है। जेल अफसरों पर भी कार्रवाई की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

'जेलर को सब होता है पता'

ज्योति हत्याकांड के अभियुक्त पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिये जाने की खबरें मिलने के बाद मंगलवार को डीएम और एसएसपी ने छापा मारा था। औचक छापेमारी में डीएम को मनीषा को वीआईपी ट्रीटमेंट दिये जाने की जानकारी मिली। डीएम ने माना कि किसी कैदी को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिले और जेलर को पता न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। इसके बाद उन्होंने जेल में छापे और बंदियों से पता लगी सारी जानकारी एडीजी लखनऊ को लिखित में भेज दी है।

जारी रहेगी छापेमारी

जेल में कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट की जांच-पड़ताल को किसी डीएम या एसएसपी ने इस तरह छापेमारी नहीं की। ना ही शासन को वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए सख्त लिखापढ़ी ही की है। मगर, पीयूष-मनीषा मामले में दोनों ही अफसरों को वीआईपी ट्रीटमेंट के पुख्ता सुबूत मिले। डीएम ने कहा कि जेल सजा के लिए होती है। कैदियों को वैसा ही फील भी होना चाहिए। वीआईपी ट्रीटमेंट का कोई मतलब नहीं। समय-समय पर इसकी पड़ताल के लिए औचक छापेमारी की जाएगी, जिससे जेल में होने वाले गड़बड़झाले को पकड़ा जा सके।

जेल अफसरों का नपना तय

पीयूष-मनीषा को स्पेशल ट्रीटमेंट दिये जाने की शासन स्तर तक लिखापढ़ी कर दी गई है। हैरानी की बात यह कि खुद शासन स्तर पर एक अधिकारी ने एक्सेप्ट किया है कि जेल अफसरों की सांठ-गांठ का ही नतीजा है। जब जेल महकमें का कोई आला अफसर छापा डालता है तो कोई गड़बड़ी नहीं पकड़ी जाती। हालांकि, अफसरों की मानें तो पीयूष-मनीषा को वीआईपी ट्रीटमेंट मुहैया करवाये जाने पर जेल अफसरों पर कार्यवाही तय है।