स्ट्रांग हो गया है वायरस

अभी तक वायरल इंफेक्शन यानी मौसमी जुकाम-बुखार को हल्के में लेने वाले होशियार हो जाएं। क्योंकि, यह डिजीज फैलाने वाला वायरस अब पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया है और अगर एक बार इसकी चपेट में आए तो ठीक होने में ज्यादा दिन भी लग सकते हैं। इसलिए अपनी लाइफ स्टाइल पर नजर डालिए और खुद को बचाकर रखिए।

Develop हो गई है resistance power

मौसम में चेंसेज के दौरान वायरल इंफेक्शन होना आम माना जाता है। फीवर, जुकाम, खांसी और थकावट जैसे सिम्प्टम्स को लोग अवॉयड कर देते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह तीन से पांच दिन में अपने आप ठीक हो जाएगा। बट, अब ऐसा नहीं हो रहा है। एक बार वायरल इंफेक्शन की चपेट में आने के बाद लोगों को ठीक होने में 8 से 9 दिन का वक्त लग रहा है। कभी-कभी इससे भी ज्यादा टाइम लग जाता है। ऐसे में पेशेंट डॉक्टरों का चक्कर काटने पर मजबूर हैं। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि रजिस्टेंस पॉवर डेवलप हो जाने से वायरस पहले से ज्यादा स्ट्रांग हो गया है।

दवाओं में नहीं हुआ बदलाव

एक और वायरस का नेचर चेंज हो रहा है तो दूसरी ओर हॉस्पिटल में अवेलेबल दवाएं पुरानी ही दी जा रही हैं। यही रीजन है कि उनका असर भी देरी से हो रहा है। एग्जाम्पल के तौर पर बेली हॉस्पिटल में वायरल इंफेक्शन के पेशेंट्स को पांच की जगह दस दिन की दवाएं दी जा रही हैं। ताकि, धीरे-धीरे असर होने की वजह से दवाओं की डोज कम ना हो जाएं। अगर ऐसा नहीं होगा तो पेशेंट्स को बार-बार चक्कर लगाना पड़ेगा।

Fever हुआ तो ठीक, वरना

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि फीवर के साथ जुकाम होता है तो वह जल्दी क्योर हो जाता है, जबकि इसके मुकाबले केवल जुकाम हुआ तो उसे ठीक होने में टाइम लगता है। ऐसा इसलिए कि जुकाम के पीछे धूल और धुएं से एलर्जी भी मेन रीजन हो सकती है। जो लोग इंफेक्शन से पीडि़त हैं उन्हें दीपावली पर होशियार रहना होगा। पटाखों से निकलने वाला धुआं उन्हें पहले से ज्यादा बीमार कर सकता है।

Boys में ज्यादा infection

गल्र्स के मुकाबले ब्वॉयज में वायरल इंफेक्शन के ज्यादा केसेज सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ब्वॉयज एक-दूसरे के ज्यादा क्लोज होते हैं और इसके चलते उनमें वायरल अटैक तेजी से होता है। आमतौर पर गल्र्स के बीच इतनी इंटीमेसी नहीं देखी जाती है। हॉस्पिटल्स में सबसे ज्यादा पहुंचने वाले मामलों में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। ये देखा जा रहा है कि हॉस्टल के एक ही रूम मे ंरहने वाले तीन से चार स्टूडेंट्स एक साथ वायरल इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं।

मौसम भी बना है सिरदर्द

वायरल इंफेक्शन के लगातार बढऩे का एक बड़ा रीजन लगातार मौसम में हो रहा बदलाव भी हो सकता है। अचानक घने बादल छा जाना, बे मौसम बारिश होना और फिर तेज धूप निकल आना ह्यूमन बॉडी के लिए घातक साबित हो रहा है। लोग इस चेंजेस को झेलने में नाकाम साबित हो रहे हैं। जबकि यह सिचुएशन में वायरस के लिए अनुकूल मानी जाती है।

ये हैं Symptom

- फीवर

- खांसी

- गले में खराश, तेज जुकाम

- बदन दर्द, सिरदर्द और थकावट

- डाइजेशन खराब होना और सीवियर होने पर वोमेटिंग होना